Saturday, July 27, 2024
Homeपॉलिटिक्सबिहार में अनुच्छेद 370 को भुनाने में जुटी भाजपा, कार्यकर्ताओं को दिया...

बिहार में अनुच्छेद 370 को भुनाने में जुटी भाजपा, कार्यकर्ताओं को दिया यह संदेश

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनज़र चुनावी तैयारियां आरम्भ कर दी है। इसबार भारतीय जनता पार्टी अनुच्छेद 370 में हुए बदलाव को भी भुनाने की जुगत में है। बीते शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित अहम् बैठक में भाजपा बिहार प्रभारी एवं सांसद भूपेंद्र यादव ने कार्यकर्ताओं को सन्देश दिया की वे गांव-गांव जाकर मतदाताओं को अनुच्छेद 370 में हुए संशोधन से देश को होनेवाली फायदों को बताएं।

अनुच्छेद 370 की बिहार की राजनीती में प्रांसगिकता

दरअसल अनुच्छेद 370 मूलतः जम्मू और कश्मीर से जुडी हुई है। इस कानून में हुए बदलाव का राज्य के विकास पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाली है। लेकिन लोकसभा चुनाव पूर्व भाजपा ने इस अनुच्छेद को हटाने की बात कही थी। इस घोषणा के बाद देश में एक गर्मागर्म बहस छिड़ गई थी। भाजपा द्वारा लोकसभा 2019 में जीत हासिल होने के बाद तेजी से इस अनुच्छेद को हटाने की ओर अग्रसर हो चुकी थी।

वर्त्तमान में हुए संशोधन के बाद भाजपा इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित करना चाहती है। वही जदयू की रह इस मामले में बिलकुल जुड़ा है। अनुच्छेद 370 में हुए बदलाव का देश के अल्पसंख्यक पुरजोर विरोध कर रहे है। इस बदलाव का राज्य के आमजन में भी थोड़ी सी प्रभाव पड़ी है।

अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद भाजपा के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री का एक अटपटा बयान भी आया था, अपने ट्विटर हैंडल सुशील मोदी ने लिखा था “जिन बिहारियों ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के विकास में बड़ी मेहनत से योगदान किया, वे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की तेज तरक्की में भी अपनी किस्मत चमकाने के अवसर खोज लेंगे।” वही एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा था की “धारा 370 का हटना बिहार के लाखों युवाओं को रोजगार का अवसर देगा।”

बिहार के संदर्भ में क्या होंगे दूरगामी परिणाम

यदि विधानसभा चुनाव राज्य के मूल मुद्दों से इतर राष्ट्रीय एवं अन्य राज्यों से सम्बंधित मुद्दों पर लड़ी जाती है तो इससे राज्य के मुद्दे गौण हो जाएंगे। राज्य के मुद्दों पर राजनीति न होने से बिहार के विकास से सम्बंधित अवधारणा को जोरदार धक्का लगेगी। स्थानीय चुनाव यदि स्थानीय मुद्दों पर होती है तो मतदाताओं को सत्ता पक्ष द्वारा की गई विकास कार्य और विपक्ष की योग्यता को परखने में काफी सहूलियत होती है। शायद भाजपा अनुच्छेद 370 के मुद्दे को उछालकर राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सहारे चुनाव जितना चाहती है।

बिहार में पिछले 12 वर्षों से अधिक समय तक सत्ता में रहने वाली भाजपा के पास अपने गठबंधन द्वारा की गई विकास कार्यों की कमी दिखाई पड़ती है। जिस कारण वह राज्य की जनता को बिहार के मूल मुद्दों से इतर अन्य मुद्दों में उलझा देना चाहती है। दूसरी ओर जदयू अपने अल्पसंख्यक वोटबैंक के वजह से इस संशोधन का विरोध करते नज़र आती है।

बिहार में पोस्टर वार से राजनितिक हलकों में छिड़ी बहस

Badhta Bihar News
Badhta Bihar News
बिहार की सभी ताज़ा ख़बरों के लिए पढ़िए बढ़ता बिहार, बिहार के जिलों से जुड़ी तमाम अपडेट्स के साथ हम आपके पास लाते है सबसे पहले, सबसे सटीक खबर, पढ़िए बिहार से जुडी तमाम खबरें अपने भरोसेमंद डिजिटल प्लेटफार्म बढ़ता बिहार पर।
RELATED ARTICLES

अन्य खबरें