Saturday, July 27, 2024
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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 पड़ रहा कोरोना पर भारी, सभी पार्टियों में बढ़ी हलचल

वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल इस साल के 29 नवंबर तक प्रभावी है। मगर अभी से ही चुनाव आयोग की सक्रियता के साथ बिहार के सभी छोटे-बड़ें राजनीतिक दल आगामी विस चुनाव की तैयारियों में जुट चुके हैं। जहां, एक तरफ कोरोना वायरस के कहर से बिहार की स्थिति दिन-ब-दिन डमाडोल होती दिख रही है। वहीं, कोरोना वायरस के महासंकट के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। राजनीतिक दल कोरोना के साथ जीने के तरीकों के सहारे सुरक्षित घेरे से निकलने लगे हैं।

बता दें कि आज के लगभग 5 साल पहले 9 सितंबर 2015 को चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी थी। उस हिसाब से चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल अब समय की गिनती महीनों में नहीं, बल्कि दिनों में करने लगे हैं। अंतिम विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक प्रभावी रहेगा। हालांकि, चुनावी कैंपेन की प्रक्रिया के जल्द शुरू होने के आसार को देखते हुए कोरोना संकट के बावजूद बिहार की सियासी गतिविधियों में एकबारगी उछाल आ गया है। विदित हो कि वास्तविक रैलियों का सिलसिला आगामी 7 जून से शुरू होने जा रहा है। लगभग सभी दलों ने बूथ और पंचायत स्तर पर संपर्क अभियान तो पहले ही शुरू कर दिया है। चुनावी मुद्दे तय होने लगे हैं। यहां तक की चुनावी टिकट के दावेदार भी सक्रिय होते दिख रहे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव 2015, 5 चरणों में हुआ था संपन्न

बिहार में पिछली बार विधानसभा चुनाव में मतदान की प्रक्रिया 5 चरणों में संपन्न हुयी थी। चुनाव आयोग ने नौ सितंबर को ही मतदान की चरणवार तारीखों का एलान कर दिया था। हालांकि, अधिसूचना जारी होने से पहले ही राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां कर ली थीं। बात अगर एलाइंस की करें तो यह काम अगस्त के पहले हफ्ते में ही पूरा कर लिया गया था। पहले चरण का मतदान 12 अक्टूबर को हुआ था। अंतिम चरण के वोट 5 नंवबर को पड़े थे। मतों की गिनती 8 नवंबर को हुई थी। महागठबंधन के मुखिया नीतीश कुमार ने 20 नवंबर को गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

गठबंधन और महागठबंधन का रुप था अलग

पिछले बार गठबंधन के स्वरूप न सिर्फ स्वरुप बल्कि चुनावी मुद्दे भी अलग थे। भाजपा के साथ वर्षों से तालमेल करके चुनाव लड़ते आ रहे जदयू ने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था। बीजेपी के साथ रामविलास पासवान की लोजपा, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा एवं जीतनराम मांझी के हम का गठबंधन था। इस बार महागठबंधन न सिर्फ बिखर चुका है, बल्कि आनेवाले वक्त में फूट पड़ने की आशंका भी दिख रही है। सीधे शब्दों में कहें तो इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का पूरा सिनैरियों ही बदल चुका है। इस विस चुनाव में बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी का मुकाबला आरजेडी से होना है।

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गौरतलब है कि बिहार के तत्कालिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत 7 जून से करेंगे। तिथि में एक या दो दिन का फेरबदल भी हो सकता है। मुख्यमंत्री ने 1 मई से पार्टी कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क शुरू किया था। पहले चरण में राज्यस्तरीय नेताओं, कार्यकारिणी के सदस्यों, जदयू कोटे के मंत्रियों, विधायकों, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, प्रखंड अध्यक्ष, पंचायत अध्यक्ष और बूथ अध्यक्ष तक से बातचीत की थी।

वहीं, दूसरे चरण में वे जिलाध्यक्ष, प्रखंड, पंचायत, बूथ अध्यक्ष से जिलावार बातचीत करेंगे। सात जून को पहले दिन चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी, 8 जून को सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और दरभंगा, 9 जून को मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, छपरा और वैशाली, 10 जून को समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा और जमुई, 11 जून को नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास जबकि 12 जून को अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया और नवादा के नेताओं व कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे।

Badhta Bihar News
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