Friday, September 27, 2024
Homeसरकारी योजनाबिहार में गरीबों, पीडीएस की दुकानों, का अनाज खा रहे अफसर, RTI...

बिहार में गरीबों, पीडीएस की दुकानों, का अनाज खा रहे अफसर, RTI से पर्दाफाश

बिहार में गरीबों का अनाज भी अफसर खा रहे हैं। लोक सूचना का अधिकार (RTI) कानून की अर्जी से इसका पर्दाफाश हुआ है। राज्य के 38 जिलों में 8 करोड़ 60 लाख गरीबों को अनाज मुहैया कराने की जिम्मेदारी जिन अफसरों की है, वे जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों को कम अनाज की आपूर्ति कर रहे हैं। संबंधी सूचनाएं मांगे जाने पर आरटीआइ कार्यकर्ताओं को अजीबो-गरीब जवाब दिए जा रहे हैं। एक तरफ रिकार्ड गुम होने की एफआइआर का हवाला दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ तीन माह पुरानी सूचनाएं देना संभव नहीं होने का तर्क।

बिहार में डीलरों और पीडीएस दुकानों को कम अनाज 

आरटीआइ कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी लखीसराय, बक्सर, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, बांका, दरभंगा एवं भागलपुर के दफ्तरों ने उपलब्ध कराई है। शिव प्रकाश राय ने बताया कि कम अनाज की आपूर्ति बड़ा राशन घोटाला की ओर इशारा कर रही है। निष्पक्ष जांच हेतु पटना उच्च न्यायालय में जल्द ही लोकहित याचिका दायर करेंगे।

ये भी पढ़े: नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो 2020 के आंकड़ों में बिहार 25वें नंबर पर

इससे स्पष्ट होगा कि हर माह पीडीएस दुकानों को कितना अनाज कम दिया जा रहा है। गोदाम प्रबंधकों, जिला आपूर्ति अधिकारियों, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों और आपूर्ति निरीक्षकों की कार्यशैली संदेह के दायरे में है, क्योंकि आपूर्ति में लिकेज की जड़ में ये अफसर हैं।

700 कार्डधारकों पर 450 लाभुकों को ही मिल रहा अनाज

लखीसराय जिले के बंशीपुर पैक्स के अध्यक्ष मुशहरू महतो ने पिछले 29 नवंबर को एसडीओ को लिखित शिकायत की है कि उनके यहां 700 गरीबों का राशन कार्ड बना है, लेकिन हर माह 450 लाभुकों को ही राशन आपूर्ति की जा रही है। शेष को अनाज से वंचित होना पड़ा रहा है। कम आपूर्ति की शिकायत पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से लेकर आपूर्ति निरीक्षक तक उन्हें लाइसेंस रद करने को धमका रहे हैं।

जानकारी मुहैया कराने से परहेज

शेखपुरा के आरटीआइ वर्कर राम विनोद शर्मा ने 28 सिंतबर 2021 को अनाज आपूर्ति की जानकारी जिला आपूर्ति अधिकारी से मांगी। 3 अक्टूबर को उपलब्ध करवाई जानकारी में बताया गया कि गोदाम प्रबंधक मेडिकल लीव पर है। इसीलिए आंकड़े नहीं मिलेंगे। इसी तरह आरटीआइ कार्यकर्ता श्रवण मिश्र ने 10 अगस्त को भोजपुर के जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय में मार्च 2021 से जून 2021 तक गेहूं, चावल की प्रमाणित प्रतिलिपि चाही। उन्हें भी सूचना नहीं दी गई।

रिकार्ड गायब होने का बहाना

राशन वितरण में बरती जा रही अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिहाज से रिकार्ड गायब होने के बहाने बनाए जा रहे हैं। शिवप्रकाश राय के मुताबिक दर्जन भर जिलों में ऐसे मामलों में अर्जी से जानकारी मांगी है। अर्जी लगाने के साथ ही जिला खाद्य आपूर्ति के दफ्तरों में खलबली मची तो सूचना उपलब्ध कराने में टालमटोल भी की जाने लगी। अपील करने के बाद भी सूचना नहीं मिली और जवाब दिया कि उक्त पत्र गायब है। जब पूरे मामले को संबंधित डीएम के समक्ष उठाया तो जांच बिठाने का भरोसा मिला।

ये भी पढ़े: बिहार में ओमिक्रोन कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक की आशंका

Badhta Bihar News
Badhta Bihar News
बिहार की सभी ताज़ा ख़बरों के लिए पढ़िए बढ़ता बिहार, बिहार के जिलों से जुड़ी तमाम अपडेट्स के साथ हम आपके पास लाते है सबसे पहले, सबसे सटीक खबर, पढ़िए बिहार से जुडी तमाम खबरें अपने भरोसेमंद डिजिटल प्लेटफार्म बढ़ता बिहार पर।
RELATED ARTICLES

अन्य खबरें