Friday, July 26, 2024
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पढ़िए यस बैंक का पूरा मामला, राणा कपूर और पुरे परिवार पर कसा शिकंजा, गिरफ्तार

यस बैंक मामला में प्रमोटर राणा कपूर को मनी लांडिंग के आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। मुंबई की एक अदालत ने उन्हें 11 मार्च तक रिमांड पर भेजा है। इस मामले में तीस घंटे से अधिक समय से जारी छापेमारी और जांच-पड़ताल में राणा कपूर के 2000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश, 44 बेशकीमती पेंटिंग और एक दर्जन से अधिक खोखा कंपनियां अब ईडी के रडार पर हैं। सीबीआइ ने भी राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में एफआइआर दर्ज करके यस बैंक मामले की औपचारिक जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी के लुक आउट सकरुलर (एलओसी) को चलते राणा कपूर की बेटी रोशनी को मुंबई एयरपोर्ट पर ब्रिटेन जाने से रोका गया है।

यस बैंक में 44 अरब रुपयों की वित्तीय अनियमितताओं और उसके कामकाज में कुप्रबंधन करने के मामले में ईडी ने 62 वर्षीय राणा कपूर को रविवार तड़के तीन बजे मनी लांडिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है। वह इस निजी बैंक के वर्ष 2003-2004 में संस्थापक रह चुके हैं। बाद में यस बैंक के एमडी और सीईओ भी बने लेकिन बैंकिंग मुगल को सितंबर, 2018 में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। गिरफ्तारी से पहले ईडी ने शुक्रवार की रात को राणा कपूर के मुंबई के वर्ली स्थित आवास समुद्र महल पर छापेमारी करके उनसे तीस घंटे पूछताछ की थी।

44 पेंटिंग की भी जांच प्रियंका का भी नाम

यस बैंक के प्रमोटर के राणा कपूर परिवार ने 44 पेंटिंग भी खरीदी हैं। आरोप है कि इनमें से कुछ बेशकीमती पेंटिंग कुछ राजनेताओं की हैं। कपूर ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी दो करोड़ रुपये में पेंटिंग खरीदी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राणा कपूर को एक विशेष अदालत में पेश किया और उन्हें तीन दिन के लिए हिरासत में भेजा गया। ईडी ने अदालत को बताया कि कपूर के परिजनों की चलाई जा रही कुछ कंपनियों की भूमिका स्थापित करने की जरूरत है और यस बैंक मामला में इन सभी परिजनों को आरोपित के सामने बैठाकर पूछताछ की जानी है। हालांकि कपूर की पत्नी बिंदु से पूछताछ जारी है।

ईडी ने शनिवार को भी कपूर की तीनों बेटियों राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर के मुंबई और दिल्ली स्थित आवासों पर भी छापेमारी की थी। इन सभी पर इस घोटाले के मुनाफे में शामिल होने का आरोप है। इस बीच, राणा कपूर की बेटी रोशनी को ब्रिटिश एयरवेज के विमान से लंदन जाने से मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया है। ईडी ने राणा कपूर, उनकी पत्नी और तीनों बेटियों के खिलाफ लुकआउट सकरुलर जारी किया था। ईडी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कपूर परिवार की कुछ संपत्तियां लंदन में हैं। इसके दस्तावेज हासिल हो गए हैं। उनके इस अधिग्रहण के स्रोत की जांच चल रही है। कपूर परिवार ने दो हजार करोड़ रुपये के निवेश किए हैं। यह निवेश भी एक दर्जन खोखा कंपनियों के जरिये हासिल किए गए। एसबीआइ के पूर्व सीएफओ प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक बनाया है।

कपूर की कंपनी पर 600 करोड़ लेने का आरोप

आरोप है कि जब यस बैंक की ओर से डीएचएफएल को 3700 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा रहा था तो कपूर की इसी कंपनी को 600 करोड़ रुपये हासिल हुए थे। ईडी को संदेह है कि डीएचएलएफ से 13 हजार करोड़ रुपये विभिन्न 79 खोखा कंपनियों में डाले गए हैं। इसमें से एक डूइट अर्बन वेंचर्स भी है। डीएचएफएल के प्रमोटरों और अन्य कंपनियों की किसी एक कारपोरेट कंपनी को कर्ज की राशि दिलाने में भूमिका है और दलाली की रकम राणा की पत्नी के बैंक खातों में डाली गई है।

डीएचएफएल से जुड़े हैं मामले के तार

ईडी ने डीएचएफएल के कपिल वधावन और धीरज वधावन को पांच कंपनियों के शेयर खरीदने में आरोपित बनाया है। इन कंपनियों के नाम फेथ रिटेलर्स, मार्वल टाउनशिप, ऐब रियल्टी, पोसीडोन रियल्टी और रैंडम रियल्टर्स हैं। इन कंपनियों पर भी जुलाई, 2019 तक कुल 2,186 करोड़ रुपये बकाया है। नकदी संकट के बाद रिजर्व बैंक ने इसके बोर्ड को 30 दिन के लिए अपने नियंत्रण में लेकर एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपये निकालने का निर्देश जारी किया।

क्या है पूरा मामला?

कुछ साल पहले जब भी देश के चर्चित निजी बैंकों की बात होती थी तो उसमें यस बैंक का भी नाम आता था। करीब 15 साल पहले शुरू हुआ यह बैंक आज संकट के दौर से गुजर रहा है। यस बैंक की बदहाली इतनी बढ़ गई है कि सिर्फ एक साल में इसके निवेशकों को 90 फीसदी से अधिक का नुकसान हो गया है।

अगस्‍त 2018 में यस बैंक का जो शेयर 400 रुपये से अधिक के भाव पर बिक रहा था वो आज लुढ़क कर 32 रुपये के स्‍तर पर है। इसका असर बैंक की मार्केट वैल्‍यू पर भी पड़ा है और यस बैंक का मार्केट कैप आज 8,161 करोड़ रुपये पर ठहर गया है। वहीं सितंबर 2018 में यस बैंक का मार्केट कैप करीब 80 हजार करोड़ रुपये था। यानी बैंक के मार्केट कैप में 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई है।

अब इस हालत में रिजर्व बैंक ने गुरुवार को संकट में फंसे यस बैंक पर लेन-देन सीमा तय कर दी। इसके तहत खाताधारक अब यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। निकासी की यह सीमा 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी। आरबीआई के इस फैसले के बाद से ही देशभर में स्थित यस बैंक की शाखाओं पर शुक्रवार सुबह से ही ग्राहकों की लंबी कतारें लगी हैं। इस बीच कुछ ऐसे लोग भी आ रहे हैं जिनके खाते में तो पर्याप्त धन है लेकिन वह अपनी जरूरत के लिए नहीं निकाल पा रहे हैं।

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