बीते 1 सितम्बर से नया मोटर वाहन अधिनियम 2019 लागू किया गया है। मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश ने फ़िलहाल यह संसोधित अधिनियम लागू नहीं किया है। वही राजस्थान सरकार ने जुर्माने की राशि में बदलाव करने की बात कह रही है। यह मोटर वाहन अधिनियम 2019 पुरे बिहार में भी बदलाव के साथ लागू किया जा चूका है। इस अधिनियम के लागू होते ही जुर्माने के राशि मे 5 से 10 गुना की बढ़ोतरी हो गई। साथ ही कुछ नए मामलो में भी सजा का प्रावधान किया गया है।
महँगाई एवं मंदी को बढ़ावा
नए अधिनियम के लागू होते ही निजी एवं व्यावसायिक वाहन मालिकों के बीच आक्रोश का माहौल है। वाहन मालिकों का कहना है कि वर्त्तमान में आर्थिक मंदी लगभग सभी क्षेत्रों में छायी हुई है। जिसके कारण उन्हें काम मिलना मुश्किल होता जा रहा है। वाहन चालकों को कई तरह के कर भी देने होते है। उसके अतिरिक्त जुर्माने की राशि में 5 से 10 गुना की वृद्धि वाहन चालकों को हतोत्साहित करने का काम कर रही है। साथ ही निजी वाहन मालिकों का भी कहना है कि जुर्माने की राशि में कई गुना बढ़ोतरी से जनसामान्य द्वारा इसके वहन करने में दिक्कते आ सकती है।
भ्रष्टाचार को बढ़ावा, आमजन की जेब में डाका
साथ ही यह भी चर्चा का विषय बन गया है कि ओवरलोडिंग एवं कागजात में कमी बताकर भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा अवैध वसूली की जाती रही है। नए अधिनियम से भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा मनमानी वसूली में और भी तेजी आएगी। विपक्ष भी सरकार पर बालू के नाम अवैध वसूली का आरोप लगाते रही है। लोगो का ये भी कहना है कि जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी से जनसामान्य के उपभोग में लायी जाने वाली वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि होगी, जो अंततः मंदी के आग में घी डालने का काम करेगी। कुछ लोगो का यह भी कहना है कि इस तरह के अधिनियम का उपयोग आसन्न विधानसभा चुनाव के लिए अवैध फण्ड इकठ्ठा करने के लिए किया जा सकता है। आमजन हाल ही में पान मसाले के कुछ उत्पादों पर लगाई गई रोक को भी इसी नज़रिए से देख रही है।
यह बदलाव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी छाया रहा। कुछ लोगों अपने अपने अन्दाज में इस फैसले का स्वागत किया तो कुछ लोगों ने इसमे खामियां गिनाई।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने रविवार को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद यातायात नियमों के उल्लंघनकर्ताओं को 3,900 चालान जारी किए।
ज्ञात हो की नए कानून के तहत, हेलमेट या सीट-बेल्ट न पहनने वाले लोगों पर रूपए 1,000 का जुर्माना लगाया जाएगा, जो पहले 100 रूपए था, जबकि बिना लाइसेंस के ड्राइविंग करने वालों पर 5,000 रूपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है और तीन महीने की जेल का सामना करना पड़ सकता है।
बढ़ता बिहार आमसरोकारों से जुड़े मुद्दे को उठाने वाली एक पूर्णतः नयी पहल है, आप सभी से अपील है कि हमारे खबरों को अधिक से अधिक लाइक, कमेंट एवं शेयर करें।