आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। महिला दिवस मनाने का उद्देश्य नारी को समाज की कुरीतियों से बाहर निकालकर विकास का अवसर प्रदान करना है। महिला दिवस मनाने का वास्तविक मकसद यह है कि महिलाओं को जीवन में बराबरी का दर्जा मिले। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समाज में महिलाओं के योगदान का जश्न मनाता है, लिंग समानता के लिए लड़ाई के बारे में जागरूकता बढ़ाता है, और उन संगठनों के लिए समर्थन को प्रेरित करता है जो विश्व स्तर पर महिलाओं की मदद करते हैं।
संस्कृत के एक श्लोक है – यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमंते देवता।
अर्थात जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं।
महिलाएं समाज और परिवार की धुरी हैं, लेकिन उनके साथ दोयम दर्जे के व्यवहार की समस्या अभी भी समाज में बरकरार है। समानता का इंसानी हक आज भी आधी आबादी को सही तरह हासिल नहीं हुआ है। भारत ही नहीं दुनियाभर में स्त्रियां अपनी पहचान बनाने को जूझ रही हैं। उनके इस संघर्ष में सबसे बड़ी बाधा लैंगिंक असमानता है। पुरुषों और महिलाओं के बीच मौजूद असमानता की खाई आधी आबादी के लिए दंश बनी हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जानते हैं इस दिन से जुड़े कुछ ख़ास तथ्यों के बारे में:
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जन्म
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जन्म 8 मार्च, 1908 को हुआ था, जब 15,000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर अपने अधिकार को लेकर प्रदर्शन किया, कम घंटे, बेहतर वेतन और मतदान का अधिकार उनकी मांगे थी। पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम 1911 में आयोजित किया गया था, उसके बाद ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में आयोजित किया गया था।
1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा
संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा 1975 में की, तब से, UN इस वार्षिक कार्यक्रम का प्राथमिक प्रायोजक बन गया, और इसने दुनिया भर के और भी देशों को छुट्टी मनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
औसतन 24 फीसदी कम मिला है भुगतान
संयुक्त राष्ट्र की महिला रिपोर्ट 2015 से पता चलता है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक घंटे काम करने के बावजूद, अभी भी दुनिया भर में पुरुषों की तुलना में औसतन 24 प्रतिशत कम कमाती हैं।
शिक्षित महिलाओं से जुड़ा है देश का आर्थिक विकास
ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट, (OECD) में भाग लेने वाले 34 देशों में हुए सर्वे में महिलाओं और लड़कियों के लिए शिक्षा उनके देश के आर्थिक विकास के लिए काफी सहायक है।
जब अधिक महिलाएं काम करती हैं, तो अर्थव्यवस्थाएं बढ़ती हैं।
महिलाएं घरेलु कार्य में देती है अधिक समय
यह शायद कोई आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन महिलाएं अभी भी पुरुषों की तुलना में घर के कामकाज और बच्चे की देखभाल पर अधिक समय देती हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में गृहकार्य पर एक से तीन घंटे अधिक काम करती है।
अभी भी पिछड़ी हुई है महिलाएं
दुनिया के लगभग 197 देशों में से केवल 22 देश ही यह कह सकते हैं कि उनके राज्य की प्रमुख पास महिलाएं हैं। फॉर्च्यून 500 कंपनियों में महज 15 प्रतिशत शीर्ष कार्यकारी पद महिलाओं के पास हैं।
3 में से 1 महिला हिंसा का शिकार
1993 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बावजूद, वर्तमान में, दुनिया भर में 3 में से 1 महिला शारीरिक या यौन हिंसा का शिकार है।
महिलाओं के ऊपर हिंसा के बारे में ये रिपोर्ट
2109 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम
2019 के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम #BalanceforBetterthis है, जो लिंग-संतुलित दुनिया को प्राप्त करने के महत्व पर जोर देती है। 2018 में, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम #PressforProgress थी, 2017 महिला दिवस की थीम #BeBoldforChange थी, और 2016 की थीम #PAILforParity थी।
UN ने 2019 के लिए अंतरष्ट्रीय महिला दिवस का थीम भी जारी किया: “बराबर सोचो, स्मार्ट बनाओ, इनोवेट करें”।