राजधानी पटना के न्यू बाईपास पर बीते शाम सरिस्ताबाद से जगनपुरा तक बेकाबू ट्रक कई जिंदगियों के लिए काल बन उसे मौत की नींद सुला दिया। 20 मिनट तक उसकी जद में जो भी आया, उसे रौंदता हुआ वह आगे बढ़ता गया। मानों कि वह ट्रक गुरुवार के दिन सड़क पर मौत बांटने निकला हो. ट्रक ड्राइवर के मौत के इस खेल के दौरान स्थानीय लोग हंगामा करते रहे। पुलिस की कई टीमें भी पीछा करती रहीं, मगर ट्रक चालक भागता रहा। जगनपुरा के पास पुलिया में टकराने की वजह से ट्रक थमा और बाकी लोगों की जान बच गई। ये तो शुक्र हो लॉकडाउन की, जिसकी वजह से सड़कें सूनी थी, वरना हादसे में जानें और भी कितने लोगों की जानें जाती।
राजधानी पटना में सुबह 4 बजे की घटना
इस दुखद घटना के आइ विटनेस की मानें तो, करीब 3.50 बजे का समय था और 70 फीट के पास सरिस्ताबाद में एक स्कॉर्पियो (बीआर01-5104) बाईपास पर चढ़ रही थी। इसी बीच बेउर चेक पोस्ट के पास से ट्रक संख्या जेएच 02- 9955 ने उसे टक्कर मार दी। चालक ने ट्रक रोकने के बजाय उसकी रफ्तार बढ़ा दी। बिहार की राजधानी पटना में इसके बाद ट्रक ने सिपारा पुल बस स्टैंड और रामकृष्ण नगर के बीच फल वाले को ठोकर मार दी। फिर ई-रिक्शा को धक्का मारा, इसमें कई लोग सवार थे। साइकिल से जा रहे शख्स को भी नहीं बख्सा और रौंदता हुआ आगे बढ़ता गया।
भाग्यवश बची कंकड़बाग थाने की पुलिस
इसके बाद करीब 4.10 बजे जगनपुरा के पास पुलिस की जिप्सी में टक्कर मारता हुआ वह ट्रक पैदल जा रहे एक युवक को कुचल दिया। हादसे से थोड़ी दूर ही कंकड़बाग थानाध्यक्ष और अन्य पुलिसकर्मी खड़े थे, जो कि बाल-बाल बच बचे। पुलिस ने जब उसका पीछा शुरू किया तो ट्रक पुल के अंडर पास के डिवाइडर पर चढ़ गई। चालक भी अपनी सीट पर फंस गया। वह घायल हो गया था। सिटी एसपी जितेंद्र कुमार की पूछताछ में ट्रक चालक ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वह बेउर में फंसा था। शाम को सड़क खाली देख ट्रक लेकर निकल गया था। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ट्रक की गति काफी तेज थी, और लहराते हुए कई जगह डिवाइडर में भी टक्कर मारी है। कई बार ट्रक पलटने से बचा। करीब 1 दर्जन लोगों ने दूर से ही ट्रक को देख इधर-उधर भाग जान बचाई।
बिहार के मजदूरों के लिए खुशखबरी, सरकार द्वारा काम शुरू करने की इजाजत
गौरतलब है कि ट्रक की चपेट में आनेवाले जिस शख्स की मौत हुयी, उसका नाम सुरेन्द्र प्रसाद बताया जा रहा है। वह घर से किराना का कुछ सामान लाने के लिए निकले थे। रामकृष्णा नगर के भगत सिंह चौक निवासी सुरेंद्र एक ही कमरे में पत्नी पिंकी देवी, बेटा निशांत, सुशांत और बेटी, खुशी कुमारी के साथ रहते थे। सुरेंद्र गैराज में काम करते थे। गैराज बंद होने की वजह से वह परेशान थे। कई दिनों के बाद वह किराना का सामान लेने निकले थे। शाम में घर पर मौत की खबर मिलने के बाद परिवार समेत पूरे मोहल्ले में मातम छा गया।