Saturday, July 27, 2024
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मुंगेर पुलिस की कार्रवाई में आठ नक्सली समेत दस गिरफ्तार

दो रायफल, एक मास्केट, एक कट्टा, 300 गोलियाँ बरामद, 21 डेटोनेटर भी बरामद
मुंगेर पुलिस का तीन दिनों तक लगातार ऑपरेशन
एसटीएफ जमालपुर और जिला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
मुंगेर। जिला पुलिस द्वारा शनिवार को एसटीएफ के सहयोग से प्रतिबंधित माओवादी संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान 8 सक्रिय माओवादियों तथा नक्सलियों के दो मददगारों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार नक्सलियों में हार्डकोर नक्सली पुनीत मंडल और नक्सलियों को हथियार एवं गोलियों की आपूर्ति करने वाले पूर्व नक्सली डब्लू चौरसिया की गिरफ्तारी हुई। मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर की गई कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में हथियार और गोलियां भी बरामद की गई। इस संबंध में मुंगेर की पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा द्वारा नए युवकों को संगठन से जोड़ने तथा हथियार एवं विस्फोटक सामग्री जमा करने की कार्रवाई हो रही थी।

गुप्त सूचना के आधार पर तत्काल विशेष छापामारी दल का गठन किया गया

जहां गुप्त सूचना के आधार पर तत्काल विशेष छापामारी दल का गठन किया गया। पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तारापुर पंकज कुमार के नेतृत्व में एक विशेष दल का गठन किया गया। छापामारी दल में खडगपुर थानाध्यक्ष मिंटू कुमार सिंह, संग्रामपुर थाना अध्यक्ष सर्वजीत कुमार, गंगटा थानाध्यक्ष मजहर मकबूल, शामपुर ओपी अध्यक्ष पप्पन कुमार, बरियारपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार, मुफस्सिल थानाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह को शामिल किया गया।

एसटीएफ के अभियान दल और एआरजी जमालपुर की भी मदद ली गई तथा शामपुर ओपी अंतर्गत भैंसाकोल जखराज स्थान मोड़ पर घेराबंदी कर कार्रवाई की गई। पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के लिए विस्फोटक और अन्य घातक हथियार लेकर कुछ लोग ऋषिकुंड पहाड़ पर आने वाले हैं और उन हथियारों तथा विस्फोटकों को नक्सली एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा को सौंपा जाना है। छापामारी दल का नेतृत्व कर रहे तारापुर एसडीपीओ द्वारा पर्याप्त ब्रीफिंग कर आवश्यक रणनीति बनाते हुए कार्रवाई शुरू की गयी। भैंसाकोल जखराज स्थान के पास छापामारी दल में शामिल सभी पुलिसकर्मी एंबुश लगाकर बैठे रहे और नक्सली समूह के सदस्यों के आने का इंतजार कर रहे थे।

इसी दौरान डंगराचक की ओर से कुछ लोग आते दिखे। एम्बुश लगाकर बैठे पुलिस और एसटीएफ के जवानों ने 8 लोगों को पकड़ा। पुलिस की कार्रवाई के दौरान पुनीत मंडल, डब्लू चौरसिया, भीम तुरी, कारे खैरा, शंभू तुरी, संजय यादव, बमबम यादव, सुनील तुरी को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से.315 बोर की राइफल,पॉइंट टूटू की एक राइफल, एसएलआर की गोलियां, थ्री नोट थ्री बोर की गोलियां, एसएलआर की दो मैगजीन, एक मास्केट, एक देसी कट्टा, 1 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, डेटोनेटर 200 मीटर तार, सफेद रंग का संदिग्ध पाउडर, भाकपा माओवादी संगठन का लेटर पैड बरामद किया गया। भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा के द्वारा पिछले कुछ दिनों से गतिविधियां बढ़ाई गई थी और संगठन में नए लोगों को जोड़ने तथा हथियार जुटाने की कार्रवाई चल रही थी।

इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली थी और पुलिस द्वारा इनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रहे थे। शामपुर ओपी अंतर्गत भैंसाकोल जखराज स्थान के पास गिरफ्तार पुनीत मंडल और डब्लू चौरसिया द्वारा बताया गया कि डब्लू चौरसिया के घर पर भी कुछ हथियार रखा हुआ है। इसके बाद डब्लू चौरसिया के नया रामनगर थाना अंतर्गत पाटम निवासी डब्लू चौरसिया के घर पर भी छापेमारी की गई तथा वहां से भी एसएलआर और.303 बोर की गोलियां बरामद की गई। इस संबंध में खड़गपुर थाना के शामपुर ओपी और नया रामनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस की कार्रवाई से ध्वस्त हुए माओवादियों के मंसूबे

मुंगेर पुलिस की कार्रवाई से नक्सलियों के मंसूबे ध्वस्त हुए हैं। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के द्वारा नए सिरे से संगठन का विस्तार का प्रयास किया जा रहा था। 15 दिन पहले ही पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को यह सटीक सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा द्वारा खडगपुर इलाके में संगठन को विस्तार देने की कोशिश की जा रही है तथा नए लोगों को संगठन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा हथियार और गोलियां जुटाने की तैयारियां जारी रहने की सूचना भी पुलिस को मिल चुकी थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर बीते 2 सप्ताह से मुंगेर पुलिस की जिला आसूचना इकाई द्वारा खड़गपुर, बरियारपुर, नया रामनगर थाना क्षेत्रों में माओवादियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी तथा आसूचना संकलन किया जा रहा था। संग्रामपुर, खडगपुर, कासिम बाजार, मुफस्सिल, धरहरा थानाध्यक्षों की अगुआई में पुलिस की कई टीमों द्वारा आसूचना संकलन किया जा रहा था और रेकी भी की जा रही थी। कई गांव में पुलिस ने रेकी के पश्चात कार्रवाई का खाका तैयार कर लिया था और यही कारण है कि जिस दिन बहादुर कोड़ा के पास कुछ लोग हथियारों के साथ पहुंचाए जा रहे थे तब उसी समय मुंगेर पुलिस द्वारा एसटीएफ अभियान दल छह और अभियान दल सात की मदद से कार्रवाई कर इन्हें गिरफ्तार किया गया। खड़गपुर, बरियारपुर और नया रामनगर के इलाके में माओवादी संगठन के सदस्यों की गतिविधियां बढ़ी हुई थी और इनकी सक्रियता पर पुलिस की लगातार नजर बनी हुई थी।

गिरफ्तार पुनीत मंडल है हार्डकोर नक्सली, 20 सालों से लगातार है सक्रिय

मुंगेर पुलिस की कार्रवाई में गिरफ्तार पुनीत मंडल हार्डकोर नक्सली है तथा पिछले 20 सालों से माओवादी गतिविधियों में उसकी संलिप्तता रही है। संगठन के लिए नई भर्ती करना, लोगों को संगठन से जोड़ना, संगठन को पुलिस की गतिविधियों की सूचना देना, हथियारबंद मारक दस्ता को राशन तथा दूसरे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराना, संगठन के लिए लेवी वसूलने और उसे प्रवेश दा तक पहुंचाने की जिम्मेवारी पुनीत मंडल तक थी। पुनीत मंडल शामपुर ओपी अंतर्गत डंगराचक गांव का रहने वाला है और बीते कई सालों से वह लगातार माओवादी गतिविधियों से जुड़कर सक्रियता बनाए हुए था। पहले भी वह जेल जा चुका था और जेल से आने के बाद भी उसकी गतिविधियां लगातार जारी थी। माओवादी एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा के साथ-साथ जोनल कमांडर और स्टेट कमिटी में भी उसकी मजबूत पहुंच थी। बहादुर कोड़ा के साथ वह अक्सर पहाड़ों से सटे गांव में घूमता था।

गांव में घूमघूम कर लोगों को संगठन से जुड़ने के लिए दबाव दिया जाता था और पुनीत मंडल के कहने पर हथियारबंद दस्ता के सदस्य गांव में आकर लोगों को संगठन से जुड़ने के लिए धमकाते भी थे। गिरफ्तार नक्सलियों ने यह भी खुलासा किया कि पुनीत मंडल के कहने पर लोग भाकपा माओवादी की बैठकों में जाते थे। गिरफ्तार नक्सलियों ने यह भी स्वीकार किया कि यदि पुनीत मंडल के कहने पर लोग बैठकों में नहीं जाते थे तो हथियारबंद दस्ता के सदस्य गांव में आकर लोगों को धमकाते हुए कहते थे कि पुनीत मंडल जो कहता है वह करना पड़ेगा। पुनीत मंडल ने भी यह स्वीकार किया कि बहादुर कोड़ा के साथ वह जुड़ा हुआ था और बहादुर कोड़ा के कहने पर संगठन में नई भर्तियां करना तथा पुराने लोगों को भी संगठन से जोड़ने के काम में वह लगा था।

पूर्व नक्सली डब्लू चौरसिया को भी संगठन से दोबारा जोड़ने की कोशिश पुनीत मंडल द्वारा की गई थी। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे अपराध करने वाले अपराधकर्मियों को भी संगठन से जोड़ने की रणनीति बनी थी। शीर्ष माओवादी नेताओं के निर्देश पर पुनीत मंडल अपने काम में लगा हुआ था और यही कारण है कि उसने पूर्व नक्सली डब्लू चौरसिया और पूर्व से जेल जा चुके बमबम यादव, भीम तुरी, सुनील तुरी जैसे लोगों को संगठन से जोड़कर दस्ता के पास ले जा रहा था लेकिन ऐन समय पर पुलिस को सटीक सूचना मिल गई और इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार डब्लू चौरसिया रहा है पूर्व नक्सली बहादुर कोड़ा को दिया था हथियार

नया रामनगर निवासी थाना अंतर्गत पाटम निवासी डब्लू चौरसिया पूर्व नक्सली रहा है तथा 2008 में तत्कालीन एरिया कमांडर दीपक दास के कहने पर वह संगठन में शामिल हुआ था। 2010 में पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने के बाद वह हथियारबंद दस्ते में तो शामिल नहीं हुआ लेकिन माओवादी संगठन को सभी प्रकार की मदद पहुंचाता रहा था। संगठन को हथियार, गोलियां, राशन, कपड़े, दवाओं की आपूर्ति डब्लू चौरसिया द्वारा की जाती थी।

माओवादी संगठन के सक्रिय सदस्य को हर तरह की मदद डब्लू चौरसिया द्वारा पहुंचाई जाती थी। एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा के अलावा जोनल कमांडर प्रवेश दा का भी यह खासा विश्वासपात्र है। पूछताछ के दौरान डब्ल्यू चौरसिया ने स्वीकार किया कि एक महीने पहले इसने बहादुर कोड़ा को हथियार और गोलियां दी थी। उस समय बहादुर गुड़ा और पुनीत मंडल उसके घर पर आए थे और हथियार तथा गोलियां लेकर चले गए थे।

इसके बाद फिर से डब्लू चौरसिया को हथियार और गोलियों की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा के कहने पर पुनीत मंडल के साथ मिलकर डब्लू चौरसिया हथियार और गोलियां, विस्फोटक पदार्थ के साथ छह लोगों को पार्टी में शामिल कराने ले जा रहा था लेकिन सटीक समय पर इनकी गिरफ्तारी हो गई। डब्लू चौरसिया ने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी तथा इसने कई माओवादी कांडों को अंजाम दिए जाने की बात भी स्वीकार की थी। डब्लू चौरसिया की भाभी मुखिया है तथा ठेकेदारी भी करता है। संगठन के लिए लेवी पहुंचाना और लेवी की व्यवस्था करना भी इसका काम था। पुनीत मंडल और डब्लू चौरसिया खड़गपुर एरिया में प्रतिबंधित नक्सली संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे।

इन अभियुक्तों की हुई गिरफ्तारी

पुनीत मंडल साकिन डंगराचक थाना खड़गपुर शामपुर, नित्यानंद चौरसिया उर्फ बबलू चौरसिया साकिन बड़ईचक पाटम थाना नया रामनगर, बमबम यादव साकिन लोहची थाना खड़गपुर शामपुर, संजय यादव साकिन लोहची थाना खड़गपुर शामपुर कारे खैरा साकिन उभी वनवर्षा थाना बरियारपुर, भीम तुरी साकिन उभी वनवर्षा थाना बरियारपुर, शंभू तुरी साकिन उभी वनवर्षा थाना बरियारपुर, सुनील तुरी साकिन उभी वनवर्षा थाना बरियारपुर, नित्यानंद चौरसिया उर्फ डब्लू चौरसिया बड़ईचक पाटम थाना नया रामनगर, अमरेन्द्र चौरसिया उर्फ अजय चौरसिया बड़ईचक पाटम थाना नया रामनगर, गोलू चौरसिया साकिन बड़ईचक पाटम थाना नया रामनगर शामिल हैं।

पुनीत मंडल की गिरफ्तारी है माओवादियों के लिए बड़ा झटका

पुनीत मंडल की गिरफ्तारी माओवादी संगठन के लिए बहुत बड़ा झटका है। पुनीत मंडल 20 सालों से माओवादी गतिविधियों में संलिप्त रहा तथा हाल में हुए एसटीएफ के साथ मुठभेड़ मामले में दर्ज प्राथमिकी का यह नामजद अभियुक्त भी है। पुनीत मंडल की गिरफ्तारी से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा।

बाबा के नाम से प्रसिद्ध पुनीत मंडल का गांव में ही नहीं बल्कि पूरे खड़गपुर, बरियारपुर और नया रामनगर के इलाकों में खासा प्रभाव और दबदबा है। पुनीत मंडल ने यह भी खुलासा किया कि संगठन में नए लोगों की भर्तियां की जा रही हैं और चुनाव से पहले बड़ी घटना को माओवादियों द्वारा अंजाम दिया जाएगा। गांव में जाकर लोगों को डरा धमका कर प्रलोभन देकर और झूठे सपने दिखा कर मारक दस्ता में शामिल होने के लिए यह लोगों को प्रेरित करता था। जिला पुलिस के अलावा एसटीएफ ने भी पुनीत मंडल उर्फ बाबा से पूछताछ की।

इन सामानों की हुई बरामदगी
एस.एल.आर की गोलियां-231, .303 की गोलियां- 53, इंसास की गोली- 01, .315 की गोली- 10, एके 47 की गोली- 01, डेटोनेट- 21 पीस, .315 राइफल -01, .22 राइफल- 01, मस्केट राइफल-01, देसी कट्टा-01, एसएलआर की मैगजीन- 02, 7.65 बोर की पिस्टल-01, 7.65 पिस्टल की गोली- 06, तार- 220 मीटर, मोबाइल- 07, बिन्डोलिया- 01, नक्सली लेटर पैड-15 शामिल हैं।

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