पटना। कोरोना काल में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मंजूर कर ली। हालांकि, सुनवाई किस बेंच में होगी और कब होगी, इसकी तारीख तय नहीं हुर्ह है। इससे पहले पटना हाईकोर्ट में भी दो याचिकाओं पर सुनवाई लंबित है। याचिका में अभी तक चुनाव आयोग की टीम के बिहार दौरा नहीं करने को आधार बनाया गया है।
17वीं बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना पर रोक की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में बिहार के सामाजिक कार्यकर्ता और याचिकाकर्ता राजेश कुमार जायसवाल ने चुनाव आयोग समेत छह महकमों को पार्टी बनाया है। इनमें मुख्य चुनाव आयुक्त, मुख्य चुनाव अधिकारी, बिहार, मुख्य सचिव बिहार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और गृह सचिव शामिल हैं।
दायर याचिका में कहा गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के समय से आयोग की टीम चुनाव के तीन से चार महीने पहले दौरा शुरू कर देती थी, लेकिन 17वीं विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर अभी तक आयोग की टीम बिहार नहीं आई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि कोरोना और बाढ़ खत्म होने तक चुनाव की अधिसूचना पर रोक लगाने का निर्देश निर्वाचन आयोग को दिया जाए।
पटना हाईकोर्ट में तीन याचिकाओं पर लंबित है सुनवाई
उधर, पटना हाईकोर्ट में तीन याचिकाओं पर सुनवाई लंबित है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में भी कोरोना काल और बाढ़ को देखते हुए बिहार विधानसभा चुनाव टालने को आधार बनाया गया है। पटना हाईकोर्ट में जुलाई के दूसरे हफ्ते में अधिवक्ता बद्री नारायण सिंह और चौथे हफ्ते में एक राजनीतिक दल की ओर से शैलेंद्र कुमार ने चुनाव टालने को लेकर एक-एक जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद तीसरी याचिका गत दिनों दायर हुई है।
हालांकि, तीनों में किसी याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए अब तक स्वीकार नहीं किया। दरअसल, लॉकडाउन की वजह से मार्च से ही हाईकोर्ट वर्चुअल मोड में बेहद जरूरी सुनवाई कर रहा है। याचिकाओं पर सुनवाई को लेकर पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता तारकेश्वर ठाकुर का कहना है सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार है वह सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर सकता है। वह पटना हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को भी सुनवाई के लिए तलब कर सकता है।