चुनावी सुगबुगाहट के साथ ही बिहार में कामों को लेकर तेजी शुरू हो गई है। सरकार हर काम में तेजी लाने में लगी है। बिहार में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेज होगा। कुछ शहरों में ट्रायल के तौर पर लगाया गया था। अब बिजली कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग से इसके लिए अनुमति मांगी है।
बिजली कंपनी ने स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया है। कंपनी ने 18 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन अब उसे बढ़ाने की अनुमति मांगी है। पहले कि अपेक्षा पांच लाख अधिक मीटर लगाने की अनुमति मांगी गई है। इस तरह के मीटर हर बिजली के कामों के लिए लगाए जाएंगे। इसमें ग्रामीण, शहरी इलाकों, किसानों और हर घर नल जल में भी लगाया जाएगा। इसमें कई तरह के मीटर लगेंगे। 19 लाख 8 हजार सिंगल फेज, 4 लाख 28 हजार थ्री फेज और 14 हजार कृषि मीटर लगाने हैं।
23 लाख 50 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
कंपनी ने सिंगल फेज के लिए 2503 रुपये की मांग रखी है। वहीं थ्री फेज के लिए 3634 रुपये और सीटीपीटी के लिए 3424 रुपये की मांग रखी है। प्रति मीटर बॉक्स 231 रुपये खर्च आएगा। लगभग एक हजार करोड़ की परियोजना निर्धारित की गई है। बिजली कंपनी किस्तों में बिजली मीटर लगाने वाली है। इसके लिए केंन्द्रीय एजेंसी इनर्जी इफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड को देगी। मीटर लगाने के बाद 78 महीने तक इसका देखरेख भी करेगी।
बिहार में 20 हजार से अधिक प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं। बिहार पहला राज्य है जहां प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। ट्रायल के लिए अरवल और मुजफ्फरपुर में लगाए गए हैं। प्री-पेड मीटर लगाने में उपभोक्ताओं को कोई शुल्क नहीं देना है। बिजली कंपनी इंजीनियरों के निगरानी में घर-घर मीटर लगा रही है। इसके लिए पूर्व की राशी 10 माह में वसूली जाएगी। र्बिंलग काउंटर और एप से बिजली स्मार्ट मीटर का रिचार्ज होगा।
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