पटना। पिछले 3 साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद बिहार के बाहुबली और राजद के सांसद रहे शहाबुद्दीन ने पैरोल के लिए अर्जी दाखिल की। दरअसल 19 सितंबर को बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के पिता शेख मोहमद हसीबुल्लाह का निधन हो गया था जिसके बाद शहाबुद्दीन को इसकी खबर मिली। शहाबुद्दीन अपने पिता के निधन की खबर को आधार बनाते हुए जेल प्रशासन से पैरोल देने की अपील की ताकि वो पिता के सुपुर्दे खाक की प्रक्रिया में शामिल हो सकें। शहाबुद्दीन ने यह अपील अपने पिता शेख मोहमद हसीबुल्लाह के इंतकाल के बाद अंतिम क्रिया कर्म के मद्देनजर बेटे का फर्ज निभाने के लिए दी।
पिता की निधन के बाद जेल के डीजी के पास अर्जी दी
तिहाड़ में बंद पूर्व सांसद को पैरोल पर लाने की कानूनी कयावद रात में ही उनके वकीलों ने शुरू कर दी। शहाबुद्दीन हत्या से जुड़े एक मामले में फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनके पिता का 19 सितंबर को ही निधन हो गया जिसके बाद उन्होंने जेल के डीजी के पास अर्जी दी। फिलहाल तिहाड़ जेल के डीजी के पास शहाबुद्दीन की यह अपील लंबित है। इस अर्जी में शहाबुद्दीन दो सप्ताह के लिए पेरोल पर बाहर जाने की इजाजत मांगी।
मो. शहाबुद्दीन दिल्ली जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे
पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन के पिता शेख मोहमद हसीबुल्लाह का 90 वर्ष की उम्र में शनिवार की रात निधन हो गया था। वो पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी मिलते ही लोग शहाबुद्दीन के पैतृतक गांव प्रतापपुर पहुंच गए। लालू यादव के करीबी कहे जाने वाले और दबंग राजनेता मोहम्मद शहाबुद्दीन फिलहाल दिल्ली की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
हाईकोर्ट के 30 अगस्त, 2017 को दिए फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई
पटना हाईकोर्ट के 30 अगस्त, 2017 को दिए फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई थी। शहाबुद्दीन को ये सजा 2004 में हुए दोहरे कत्ल के मामले में सुनाई गई थी। वर्ष 2004 में शहाबुद्दीन और उसके गुर्गों ने रंगदारी नहीं देने पर सीवान के प्रतापपुर गांव में चंदा बाबू के दो बेटों सतीश और गिरीश रौशन को तेजाब डालकर जिंदा जला दिया था। इस केस में शहाबुद्दीन समेत चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।