समस्तीपुर समेत समस्तीपुर मंडल के 10 स्टेशनों पर डिजिटल म्यूजियम बनने जा रहा है। म्यूजियम के जरिए रेलवे की विरासत और वर्तमान की जानकारियों से यात्री रूबरू हो सकेंगे। म्यूजियम में रखी जाने वाली सिग्नल, टेलीकॉम सहित रेल से जुड़े अन्य विभागों की दुर्लभ सामानों व उपकरणों को देख सकेंगे। सहरसा सहित अन्य स्टेशनों पर वहां से संबंधित रेलवे से जुड़ी तमाम जानकारियां हासिल कर करेंगे। इस सराहनीय कदम से रेलवे के शुरुआती दिनों से अब तक की सफर में कब कब क्या बदलाव हुआ उसकी जानकारी से नई पीढ़ी रूबरू हो सकेंगे।
खबरों की माने तो रेलवे की पहली ट्रेन कब चली, इंजन व बोगियों का आकार कैसा था, इसके बारे में भी पता चलेगा। डिजिटल जानकारी के साथ शीशे में संजोए रेलवे के इतिहास और वर्तमान भी दिख सकेंगे।
बता दें कि समस्तीपुर के अलावा सहरसा, दरभंगा, मधबुनी, जयनगर, बेतिया, बापूधाम मोतिहारी, नरकटियागंज, सगौली और नरकटियागंज स्टेशन पर भी डिजिटल म्यूजियम बनेगा। सहरसा स्टेशन पर डिजिटल म्यूजियम निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रविवार को टेलीकॉम इंस्पेक्टर अमित कुमार सुमन ने कर्मियों को साथ लेकर प्लेटफार्म नंबर दो और तीन के बीच में कैरेज एंड वैगन विभाग के ऑफिस के बगल में म्यूजियम के लिए चिन्हित हो रही जमीन की मापी भी करवाई। म्यूजियम के लिए एक हजार स्क्वायर फीट जमीन का मापी करके मार्किंग की गई है।
ADRM एस. आर. मीना ने जमीन चुनकर रिपोर्ट करने का दिया निर्देश
समस्तीपुर मंडल के एडीआरएम एस। आर। मीना ने डिजिटल म्यूजियम के लिए जमीन का चयन करते हुए रिपोर्ट करने का संबंधित सभी स्टेशनों के अधिकारियों को निर्देश दिया है। एडीआरएम के निर्देश पर जमीन चयन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। जमीन चयन पर फाइनल मुहर डीआरएम अशोक माहेश्वरी लगाएंगे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार स्टेशन पर म्यूजियम निर्माण के लिए एक हजार और सर्कुलेटिंग एरिया में 3200 स्क्वायर फीट जमीन का चयन कर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि डिजिटल म्यूजियम निर्माण का काम रेलटेल करेगी। समस्तीपुर मंडल में पहली बार इस तरह का काम होगा।