नीतीश कुमार के संकटमोचक ललन सिंह के मास्टर स्ट्रोक से मंत्री बनना तय

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पटना: मुंगेर के वर्तमान सांसद राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने अपना मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. लोजपा टूट चुकी है और इसके टूटने में जदयू नेता ललन सिंह का नाम प्रत्यक्ष तौर से आ रहा है. जब जब नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं ललन सिंह ने उन्हें मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की लोजपा ने जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार दिए थे जिसके वजह से जदयू के ज्यादातर उम्मीदवार मामूली अंतर से हार गई.

हालाँकि लोजपा मात्र एक सीट ही जीत पाई जबकि जदयू को बहुत नुक्सान हुआ. 2015 में जदयू ने 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी मगर 2020 के चुनाव में महज 43 सीटों पर सिमट गई. चिराग पासवान ने न खायेंगे न खाने देंगे की निति पर चलकर जदयू को कमजोर कर दिया था. तब से ही जदयू लोजपा को कमजोर करने में लगी हुई थी. कहा जा रहा है कि सांसद ललन सिंह ने पहले पशुपति कुमार पारस को मनाया इसके बाद सूरजभान सिंह को भी उन्होंने लोजपा से अलग होने के लिए मना लिया और बांकी का काम सूरजभान सिंह और पशुपति कुमार पारस ने पूरा कर दिया इस तरह लोजपा का बंगला अपने ही घर में टूट गया.

इस सुपर स्ट्रोक के बाद सांसद ललन सिंह नितीश कुमार के और नजदीक आ गये हैं और इनका केंद्र में मंत्री बनना लगभग तय हो चूका है. ललन सिंह नितीश सरकार के संकटमोचन बन चुके हैं जब जब जरूरत हुई इन्होंने नितीश कुमार का हाथ मजबूत किया है.

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