शुक्रवार को बिहार नेपाल बॉर्डर पर विवाद हिंसात्मक हो गया। नेपाली पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में एक भारतीय की मौत हो गई। वहीं फायरिंग में चार अन्य लोग घायल हो गए हैं। बिहार नेपाल बॉर्डर ऐसा तनातनी के हालात पहले भी बनते रहे हैं। इससे पहले भी बॉर्डर पर ऐसे तनावपूर्ण हालात पैदा हुए हैं। कुछ दिनों नेपाल और भारत के नागरिकों के बीच पानी के लिए तनाव बढ़ा था। बेतिया स्थित सीमा पर गौनाहा प्रखंड में पानी के लिए तनाव पैदा हो गया। नेपाल ने एकाएक एक नाले का पानी रोक दिया। ऐसे में सीमा के पास स्थित गांवों को लोग वहां एकत्र हो गए। एकत्र हुए ग्रामीणों ने पानी खोलने की मांग करने लगे।
बिहार नेपाल बॉर्डर पर नाला बंद को लेकर हुआ विवाद
नाला बंद होने के कारण दर्जन भर गांवों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पानी बंद हो जाने पर भारतीय इलाके के लोगों में आक्रोश बढ़ गया। फिर ग्रामीण सीमा पर एकत्र होने लगे। एकत्र होकर ग्रामीणों ने सीमा पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर एसएसबी के डिप्टी कमांडेट कई अधिकारियों के साथ वहां पहुंच गए। उन्होंने एकत्र हुए ग्रामीणों को समझा कर शांत किया।
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पिछले दिनों प्रधानमंत्री केपी ओली के बयान के बाद से विवाद खड़ा शुरू हुआ है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने मई में घोषणा की थी कि भारत के कब्जे वाले कालापानी क्षेत्र पर नेपाल का पूरी तरह से हक है। जो कि पिथौरागढ़ जिला में पड़ता है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार इसको पाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इसके लिए हम राजनीतिक और कूटनीतिक कदम भी उठाएंगे। प्रधानमंत्री ओली की कैबिनेट ने नेपाल का एक नया मानचित्र भी पेश किया है। उस मानचित्र में कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख को नेपाल के क्षेत्र के रुप में दिखाया गया था। उसी समय से सीमा पर विवाद पैदा हो गया है। जिसको लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है।