बिहार में प्रवासी मजदूरों का आना जारी है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। बिहार आने वाले प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसके लिए पूरे बिहार में केन्द्र बनाए गए हैं। जहां बड़ी संख्या में सरकारी टीचरों को तैनात किया गया है। सरकारी टीचरों को सेंटरों के देख रेख का जिम्मा दिया जा रहा है। इसी बीच बिहार में सरकारी टीचरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
छुट्टियों को रद्द करने का निर्णय बिहार शिक्षा विभाग ने लिया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि संक्रमण की स्थिति सामान्य होने पर शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बीच कोरोना बढ़ते संक्रमण पर सरकार की खास नजर है। हालात को देखते हुए ही शिक्षकों की छुट्टियां रद्द की गई हैं। इस दौरान उनकी ड्यूटी क्वारंटाइन सेंटरों पर रहेगी।
पिछले कई महीने सरकारी टीचर हड़ताल पर थे। हड़ताल खत्म होने पर शिक्षकों की ड्यूटी क्वारंटाइन सेंटरों पर लगी। ये निर्णय सरकार ने पिछले महीने लिया था। इसके बाद से शिक्षकों के बीच गर्मी की छुट्टियों को लेकर चर्चा थी। लेकिन सरकार ने इस साल शिक्षकों की गर्मी की छुट्टी रद्द कर दी है।
बिहार में सरकारी टीचरों के नियोजन कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर।
सरकार ने यह फैसला बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण लिया है। सरकार द्वारा स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया है। जिसके रख-रखाव में प्राथमिक शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। सरकार ने शिक्षकों के योगदान की तारीफ भी की है।
बिहार में शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया रुकी हुई है। नियोजन प्रक्रिया को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सरकार के फैसले से अवगत कराया है। उन्होंने बताया कि नियोजन का नया संशोधित समय जारी किया जाएगा। लेकिन नियोजन प्रक्रिया कोरोना संक्रमण के कम होने पर होगी।संशोधित शेड्यूल में एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों को 30 दिन का वक्त दिया जाएगा। उस समय में वे आवेदन कर सकेंगे।
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