Thursday, November 21, 2024
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बिहार में मिले 1625 और कोरोना मरीज, आंकड़ा 31691, केंद्रीय टीम की चेतवानी

बिहार में कोरोना का कहर लगातार जारी है. राज्य में कोरोना ने हाल बेहाल कर दिया है. सूबे में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने अपने ताजा अपडेट में 1625 कोरोना के नये मरीज मिलने की पुष्टि की है. इसके साथ ही बिहार में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 31 हजार पार कर गई है. बिहार में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 31691 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 1625 मरीज में से 22 जुलाई से अब तक 717 नए मामले सामने आए हैं.

गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने 1625 नये मरीज के मिलने की पुष्टि की है. इसके साथ ही अब बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 31691 हो गई है.स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बुधवार को 1135 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं. इसके साथ ही बिहार में अब तक कुल 19876 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं. बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 66.11 प्रतिशत है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक बिहार में कोरोना से 208 लोगों की मौत हो चुकी है.

केंद्रीय टीम की चेतावनी, बढ़ सकता है मृत्युदर

बिहार में राष्ट्रीय औसत की तुलना में बहुत कम कोरोना परीक्षण (COVID- 19 Test) अनुपात कोरोना वायरस से होने वाली मृत्युदर को प्रभावित कर सकता है। अभी बिहार में 3,423 प्रति मिलियन पर भारत में सबसे कम परीक्षण और मृत्यु दर 0.69% है। वहीं कम परीक्षण के परिणामस्वरूप संक्रमण फैल सकता है और देर से मरीजों की पहचान और अस्पतालों में कोरोना केस के देर से पहुंचने पर यह मृत्यु दर (Corona fatality rate) को प्रभावित कर सकता है।

कोरोना पॉजिटिव केस की वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए यह बात तीन-सदस्यीय केंद्रीय टीम ने कही। बिहार में कोरोना विस्फोट के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय टीम जिनमें नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ एसके सिंह और एम्स-दिल्ली विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल 19 और 20 जुलाई को बिहार में थे।

उल्लेखनीय है कि बिहार में 12 जुलाई से रोजाना 1000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। वहीं पिछले सात दिनों में 90% सक्रिय केस सामने आए हैं। पिछले एक सप्ताह (16-23 जुलाई) में, हर दिन औसतन 6% नए कोविड- 19 संक्रमण केस की संख्या बढ़ी हैं।

आरटी पीसीआर (RT PCR) परीक्षण को बढ़ाने का सुझाव

बुधवार को राज्य को अपनी सिफारिश में केंद्रीय टीम लीडर ने राज्य से मौजूदा कोरोना पुष्टिकरण परीक्षण आरटी पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन) की क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के अलावा आरटी पीसीआर परीक्षण को बढ़ाने के लिए कार्रवाई करने का भी सुझाव दिया है। केंद्रीय टीम ने आरटी पीसीआर के माध्यम से एंटीजन परीक्षणों के सभी लक्षणात्मक नकारात्मक परिणामों की निगरानी के अलावा, रोकथाम क्षेत्रों और अस्पतालों में नमूने लेने के लिए एंटीजन परीक्षण का आह्वान किया। उधर आईसीएमआर(ICMR) ने बिहार में आरटी पीसीआर (RT PCR) परीक्षण करने के लिए छह सरकारी और तीन निजी मिलाकर कुल नौ प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी है।

बिहार में कोरोना के उभरते हुए हॉटस्पॉट

केंद्रीय टीम ने कहा कि पूर्वी चंपारण, गया, रोहतास और मुजफ्फरपुर कोरोना के लिए उभरते हॉटस्पॉट बन रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में कोरोना के उभरते मामलों को देखते हुए पटना, नालंदा, नवादा, सीवान, पश्चिम चंपारण, जमुई, भागलपुर बेगूसराय और मुंगेर में विशेष ध्यान देने का आह्वान किया। टीम ने अगले दो महीनों में कोरोना संक्रमण के प्रसार को ध्यान में रखते हुए राज्य में अस्पताल के बुनियादी ढांचे पर भी ध्यान देने पर जोर देते हुए अस्थायी क्षेत्र के अस्पतालों की स्थापना करने का सुझाव दिया। बिहार में 11 दिनों दोगुने केस के साथ बुधवार को कुल 30,066 मामले थे। यदि इसी तरह मामला दोगुना होता रहे तो दो महीने में कोरोना का केस एक लाख के करीब पहुंच सकता है।

बिहार में कोरोना महामारी की मृत्युदर बढ़ने की संभावना

बिहार में कोरोना के सभी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा पर जोर

केंद्रीय टीम ने बिहार में सभी कोविद समर्पित अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की क्षमता निर्माण करने और रोगी प्रबंधन के लिए उचित रोस्टर प्रणाली सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। इसके अलावा राज्य को संक्रमण से बचाव के तरीकों समेत सभी अस्पतालों में संदिग्ध और पुष्टि किए गए कोविड -19 रोगियों के इलाज, ट्रिपिंग और प्रभावी क्वारंटाइन को सुनिश्चित करने के लिए कहा। इसके अलावा राज्य के सभी अस्पतालों में पर्याप्त रसद उपलब्धता, विशेष रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर और नियमित ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने की सलाह दी।

एम्स-दिल्ली के विशेषज्ञों के माध्यम से डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

वहीं नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले केंद्रीय टीम ने बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार से बात की। कुमार ने कहा कि हमने केंद्र को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए लिखा है। कुमार ने कहा कि केंद्रीय टीम ने उनसे डॉक्टरों को प्रेरित करने के साथ-साथ प्रशिक्षण के माध्यम से अपनी क्षमता बनाने की आवश्यकता के बारे में बात की थी। मुख्य सचिव ने कहा कि, हम एम्स-दिल्ली के विशेषज्ञों के माध्यम से डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। टीम ने कोरोना रोगियों के लिए उचित स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस एक तंत्र करने के लिए भी कहा जिसमें एम्बुलेंस सेवा और कॉल सेंटर सुविधा उपलब्ध हो।

बेहतर निगरानी व्यवस्था पर जोर

केंद्रीय टीम ने साप्ताहिक आधार पर अपने कोरोना केस मैनेजमेंट और केस के घातक होने की स्थिति में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी की भी वकालत की। वहीं एक टीम के सदस्य ने कहा कि, बेहतर केस प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों को इनपुट प्रदान करने के लिए डेथ ऑडिट भी की जा सकती है। टीम ने कंटेनमेंट जोन के भीतर रह रहे बीमार और बुजुर्ग आबादी पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया, जहां पहुंच नियंत्रण और सख्त प्रतिबंधों को आमतौर पर संक्रमित घर के स्रोत से 1 किमी के दायरे में बनाए रखा जाना है।

इसके अलावा टीम ने कंटेंटमेंट ज़ोन में घर-घर में कोरोना की खोज के लिए विशेष टीमों को बढ़ाने का भी सुझाव दिया और कहा कि टीमों को कम से कम हर दूसरे दिन आवंटित किए गए एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले हर घर की जांच और कोरोना पेशेंट को ढूंढने में सक्षम होना चाहिए। इसने पहले 72 घंटों के भीतर कोरोना पॉजिटिव मामलों के सभी संपर्कों का पता लगाने का सुझाव दिया। केंद्रीय टीम ने राज्य की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान गया का दौरा भी किया था।

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