बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर गरमाहट बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहा है। सियासत तेज होते जा रही है। शुक्रवार रात बिहार सियासत में घमासान तेज हो गया। जब महागठबंधन के तीन दल के नेता आपस में मिले। ये मुलाकात पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के घर हुई। ये बैठक रात 11:30 में हुई। इसमें रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी के मुकेश सहनी ने हिस्सा लिया। इतनी रात को मिलने के कारण बवाल मच गया।
बताया जाता है कि चुनान को लेकर बातचीत हुई है। इसके मद्देनजर महागठबंधन में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्य रूप से समन्वय समिति के गठन एवं सीट शेयरिंग मुद्दे रहे। बात चित के संबंध में बताने से इन नेताओं ने साफ इनकार किया। इन नेताओं के फिर से जल्द मिलने का अनुमान है।
विधानसभा चुनाव में सीट शेयर को लेकर घमासान
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने जानकारी दी। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मुलाकात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राजद या कांग्रेस का कोई नेता शामिल नहीं हुआ। ये तीनों नेता पहले भी आपस में मिल चुके हैं। ऐसे में बवाल होना लाजमी था। विधानसभा चुनाव नजदीक होने से इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इनकी मुलाकात कई मुद्दों पर हुई है। वहीं कुछ लोग बता रहे हैं कि ये सीट शेयर को लेकर मुलाकात हुई है। आगे भी ऐसी मुलाकात संभव है। दो बड़े दलों के सामने अपने सीटों की संख्या तय रखना चाहते हैं।
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सीट शेयर के मुद्दे पर महागठबंधन में बवाल पहले ही शुरू हो गई थी। इसको लेकर कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को महागठबंधन में ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। पिछली बार जदयू 102 सीटों पर लड़ी थी तब वह महागठबंधन में हिस्सा थी। इस बार उस सीटों में कांग्रेस की हिस्सेदारी बनती है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीट मिलनी चाहिए।