बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड में साकेत कोर्ट ने सोमवार को मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत कुल 19 लोगों को पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया। दोषियों में बालिकागृह के कर्मचारी और सामाजिक कल्याण विभाग, बिहार के अधिकारी भी शामिल हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. सौरभ कुलश्रेष्ठ ने एक आरोपी विक्की कुमार को दोषमुक्त कर दिया है। अब 28 जनवरी को इन सभी दोषियों की सजा पर बहस होगी। दोषियों में 11 पुरुष और आठ महिलाएं हैं। ब्रजेश ठाकुर, रवि कुमार रोशन, दिलीप वर्मा व विजय तिवारी को पॉक्सो व जेजे ऐक्ट के अलावा दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म का भी दोषी पाया गया है।
मई 2018 में सामने आया था मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज(टिस) की रिपोर्ट के उजागर होने के बाद मई 2018 में मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड में सरकारी सहायता प्राप्त बालिकागृह में कई बच्चियों से दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की और राज्य सरकार की सिफारिश पर सीबीआइ को जांच सौंपी थी। गत 23 फरवरी से मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी। सीबीआइ ने 21 आरोपितों के खिलाफ पर चार्जशीट दाखिल की थी। ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपित बनाया था।
दोषियों को सजा सुनाने के लिए 14 नवंबर, 12 दिसंबर 2019 व 14 जनवरी, 2020 को फैसले की तारीख तय हुई थी लेकिन फैसला टलता रहा था। सीबीआइ के लोक अभियोजक एडवोकेट अमित जिंदल ने कहा कि पीड़ितों को न्याय मिला है। कुछ आरोपितों की पैरवी करने वाले एडवोकेट धीरज कुमार सिंह व एडवोकेट सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि टिस की रिपोर्ट और लड़कियों के बयानों में विरोधाभास है। इसलिए हाई कोर्ट में अपील करेंगे। मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड में शामिल रोजी रानी को जमानत मिल गई है।
कोर्ट में रोने लगे आरोपित
सोमवार दोपहर ढाई बजे अदालत ने जैसे ही 19 आरोपितों को दोषी करार दिया, उनके चेहरे से हवाइयां उड़ गईं और वे रो पड़े। रवि रोशन कोर्ट रूम में बिलख पड़ा। उसने खुद को निर्दोष बताते हुए न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद हेमा और रामानुजन ठाकुर भी कोर्ट रूम में जोर-जोर से रोने लगे। अदालत ने पुलिसकर्मियों को सभी दोषियों को कोर्ट रूम से बाहर ले जाने का आदेश दिया।
दोष मुक्त किए जाने पर विक्की काफी खुश दिखा। उसने कहा कि मुझे इंसाफ मिला है। पूरे प्रकरण से मेरा कोई लेना-देना नहीं था। मैं बालिकागृह में काम भी नहीं करता था। इस मामले में मुझे झूठा फंसाया गया था। विक्की जनवरी 2019 से वह इस मामले में जेल में बंद है। उसने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है।
ये लोग पाए गए दोषी
ब्रजेश ठाकुर, इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, रवि कुमार रोशन, विकास कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, रोजी रानी, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह व साइस्ता परवीन उर्फ मधु।
पेशी के दौरान खूब गरजा था ब्रजेश फेंकी गई थी स्याही
जेल से मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में आठ अगस्त 2018 को पेशी के दौरान ब्रजेश ठाकुर खूब गरजा। उसने तब कहा था कि जो बातें कही जा रही हैं, उसे फंसाने की यह साजिश है। सभी उसके अखबार को बंद कराना चाह रहे हैं। ऐसा इसलिए कि इससे अन्य अखबारों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। उसका कहना था कि वह कांग्रेस में शामिल होने की सोच रहा था।
आठ अगस्त 2018 को कोर्ट हाजत से जब उसे कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। मुख्य सड़क पर उसी समय पहले से घात लगाई एक युवती ने उसके चेहरे पर स्याही फेंक दी थी। पुलिस ने स्याही फेंकने के आरोप में एक महिला को हिरासत में लिया था। हालांकि जांच के बाद घटना में संलिप्तता नहीं पाए जाने पर महिला को रिहा कर दिया गया था।