क्राइम स्टोरी- पांच साल की नौकरी में चेक पर मालकिन के जाली हस्ताक्षर कर खाते से 1.72 करोड़ रुपये चोरी करने का आरोपित धीरज सिंह मंगलवार की देर रात दबोच लिया गया। सात महीने बाद गांधी मैदान थाने की पुलिस ने उसे छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चांद चौड़ा में एक पेट्रोल पंप से गिरफ्तार किया, जहां वह अकाउंटेंट का काम कर रहा था।
वह छपरा के ही अवतारनगर थानान्तर्गत नरावां टोला का रहने वाला है। गांधी मैदान थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि धीरज पर मॉडर्न ऐड एजेंसी की मालकिन पूनम सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बुधवार को आरोपित को जेल भेज दिया गया।
ऐड एजेंसी में काम करता था धीरज सिंह
स्वामी नंदन तिराहे के समीप एडिशन आर्केड बिल्डिंग में पूनम सिंह की मॉडर्न ऐड एजेंसी है। 2013 में धीरज ने एजेंसी में बतौर अकाउंटेंट काम शुरू किया था। उसने मालकिन का विश्वास जीत लिया और उनके बैंक खाते के चेक पर जाली हस्ताक्षर कर अपनी पत्नी, भाई व रिश्तेदारों के अकाउंट में मोटी रकम ट्रांसफर करता रहा। दिसंबर 2018 में पूनम सिंह ने सात लाख रुपये निकालने के लिए चेक पर हस्ताक्षर किए थे। तब धीरज ने दूसरे चेक पर 40 हजार रुपये लिखकर पूनम सिंह का फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक में जमा कर दिया। बैंक से मैनेजर ने कॉल कर पूनम सिंह को 7.40 लाख रुपये की निकासी की जानकारी दी, तब चोरी की बात सामने आई। इसके बाद उन्होंने बैंक स्टेटमेंट निकाला तो मालूम हुआ कि 1.72 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी की गई है। चोरी पकड़े जाने के बाद धीरज पत्नी और बच्चों के साथ फरार हो गया था।
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एक अनोखी क्राइम स्टोरी
इस साल जनवरी में पूनम सिंह ने गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पूनम के पति दिनेश सिंह ने बताया कि एक अनजान शख्स कुछ दिनों से लगातार कॉल कर धीरज का ठिकाना बता रहा था। पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। मंगलवार की शाम वह दो-तीन लोगों के साथ सूचना का सत्यापन करने के लिए छपरा रवाना हुए। शाम करीब सात बजे उन्होंने चांद चौड़ा इलाके में एक पेट्रोल पंप पर धीरज को देखा।
इसके बाद दिनेश ने गांधी मैदान थानाध्यक्ष को कॉल कर जानकारी दी। आरोपित का पता चलते ही थानाध्यक्ष स्वयं दलबल के साथ छपरा पहुंचे और उसे दबोच लिया। पूछताछ में धीरज ने बताया कि खाते से गायब किए गए रुपयों से उसने गर्दनीबाग के अलकापुरी मोहल्ले में पांच मंजिला और दिल्ली में तीन मंजिला मकान बना लिया। दोनों मकान को भाड़े पर दे रखा है और किराए की रकम से उसका परिवार ऐश-मौज करता है।