बिहार में ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति एवं बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार बिहार में 41 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। बिजली की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए अब तक 33 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जा चुके हैं। शुक्रवार को नवीनगर में प्रथम यूनिट का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिन्हा ने ये बातें कहीं।
ऊर्जा मंत्री आरके सिन्हा नवीनगर पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (एनपीजीसीएल) की पहली इकाई के वाणिज्यिक परिचालन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस यूनिट से अभी फिलहाल 660 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी बिहार में कुल 59 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही 4050 मेगावॉट बिजली घर का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
आरके सिंह ने आगे बताया की केंद्र सरकार का बिहार में ऊर्जा के क्षेत्र में 74 हजार करोड़ रुपये निवेश करने का कार्यक्रम है। इसी योजना के अंतर्गत 33 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और 41 हजार करोड़ रुपये का निवेश और किया जायेगा। इस निवेश के बाद बिहार बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और भूटान को बिजली का निर्यात हो रहा है।
बिहार में अब वाटर यूजर चार्ज, नगर विकास एवं आवास विभाग
बिहार में बिजली की खपत में इजाफा
एनटीपीसी की तारीफ करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश की कुल बिजली खपत में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी एनटीपीसी का है। कोयला और उसकी ढुलाई पर खर्च बढ़ने के बावजूद कंपनी ने बिजली की कीमत में बढ़ोतरी नहीं की है। बीते अप्रैल से जुलाई माह तक बिजली की खपत में 6.4 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया है। पिछले 16-17 माह में दो करोड़ 64 लाख नए घरों में बिजली कनेक्शन दिए जा चुके है। उपभोक्ताओं की संख्या में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है।
नवीनगर में प्रथम यूनिट के उद्घाटन समारोह में बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह, काराकाट सांसद महाबली सिंह, एनटीपीसी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, वीरेंद्र कुमार सिंह, परियोजना के सीईओ विजय सिंह, डीएम राहुल रंजन महिवाल, एडीएम सुधीर कुमार और एसडीओ डॉ. प्रदीप कुमार आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
बिहार के साथ चार राज्यों को आपूर्ति
बिहार को अभी 6000 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता है। बिजली के मामले में बिहार की स्थिति पहले से काफी मजबूत हुई है। 15 प्रतिशत घाटा कम हुआ है। 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का लक्ष्य पूरा किया जाना है। बिहार सरकार के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि सरकार हर घर बिजली पहुंचाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।
एनपीजीसीएल में लगने वाली 1980 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाली इकाई से उत्पादित बिजली में बिहार का हिस्सा 1678 मेगावॉट होगा। उत्तर प्रदेश का 226, झारखंड को 65 और सिक्किम को 11 मेगावॉट बिजली मिलेगी