बिहार में प्रवासी के आने से रोजगार का संकट पैदा हो रहा है। कई राज्यों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों का आना जारी है। इनको रोजगार देने के लिए सरकार चिंतित नजर आ रही है। इसके लिए सरकार रोजगार के मार्ग तलाशने में लगी है। इसको देखते हुए बिहार में कृषि विभाग योजना बना रहा है।
कृषि विभाग ने राज्य में आए तीन लाख प्रवासियों को रोजगार देने की योजना बना रही है। विभाग ने प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार से जोड़ने का काम कर रही है। विभाग ने इसके लिए प्रवासियों के कौशल को मापने का काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा रोजगार के तत्काल अवसर तलाशने पर काम हो रहा है। जिससे कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
कृषि व पशुपालन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने तत्काल रोजगार देने को कहा है। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। जिससे लगभग तीन लाख रोजगार से जोड़ने की तैयारी हो सके। आगे चल कर इसे पांच लाख तक बढ़ने की संभावना है। सरकार का कहना है कि प्रवासियों में कुशल, अकुशल, शिक्षित और अशिक्षित सभी हैं। इनके लिए कृषि, पशुपालन व विभिन्न विभागों से जुड़े स्तर पर काम हो रहे हैं। जिससे कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
खाद, बीज और दूध के कारोबार से भी लोगों को रोजगार
बिहार में मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी व मत्स्य पालन के संभावित अवसर तलाशे जा रहे हैं। इसके अलावा बाग लगाने, पुराने बागों की हिफाजत करने और जैविक खेती के क्षेत्र हैं। इन सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पहले से मौजूद हैं। जिनको बढ़ाने के लिए काम चल रहा है। इसके अलावा खाद, बीज और दूध के कारोबार से भी लोगों को जोड़ने की पहल हो रही है। इन सबको कृषि विभाग के योजनाओं से जोड़ने का काम हो रहा है।
कृषि मंत्री ने विभाग मखाना, शहद व औषधीय पौधे की खेती में रोजगार बनाने का काम हो रहा है। विभाग इस सेक्टर में जल्द डेढ़ लाख लोगों को काम दिया जा सकता है। आम, लीची, अमरूद आदि के पांच लाख फलदार पौधे लगाने हैं। इस प्रकार पांच लाख रोजगार के अस्थाई अवसर की तैयारी हो रही है। जल्द ही प्रसताव पर मुहर लगने के बाद रोजगार देने का काम शुरू हो जाएगा।