बिहार विधानसभा 2020 का समय अब नज़दीक आ रहा है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगने शुरु कर दिये है। जहां विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सूबे में जगह-जगह ‘बेरोजगारी हटाओ‘’ रैली कर रहे है, तो वही बिहार की सत्ता धारी पार्टी के नेता नीतीश की खूब तारीफ कर रहे है। साथ ही सत्ताधारी पार्टी बिहार में अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए अल्पसंख्यकों व जनता को लुभाने की भरपूर कोशिश कर रही है।
बता दें कि बिहार विधान परिषद में अल्पसंख्यक विभाग के वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्यय पर वाद-विवाद चल रहा था। इसी समय बहस में कांग्रेस नेता प्रेमचन्द मिश्र ने बिहार नें वक्फ बोर्ड की संपति पर सत्ताधारी दल के नेताओं पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे मामले का श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
जानें, जदयू ने जवाब में क्या लिखा
विदित हो कि कांग्रेस नेता के सवालों के जवाब में जदयू एमएलसी ने अपने फेसबुक एकांउट पर लिखा कि कांग्रेस की इंदिरा गांधी के शासनकाल में अल्पसंख्यकों को दबाया गया और उनके 123 संपतियों पर कब्जा कर लिया गया जो आज तक उसे नही छुड़ाया गया है। वही आगे एमएलसी अनवर खालिद अनवर ने लिखा कि बिहार में पहली ऐसी नीतीश सरकार है जो अल्पसंख्यको के लिए बहुत ज्यादा काम किया है।
वहीं, अल्पसख्यक मंत्री खुर्शीद आलम ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अलपसंख्यको को सिर्फ दबाया और कुचला है। अल्पसंख्यकों के लिए कोई काम नही किया। साथ ही 15 साल तक बिहार पर राज्य करने वाली राजद पार्टी भी मुस्लमानों को अपना मोहरा बनाया और उनका शोषण किया है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए सिर्फ काम किया है न कि उनका शोषण।
मंत्री ने यह भी कहा कि सैलाब 2005 में अल्पसंख्यक कल्याण के बजट पर केवल तीन करोड़ 45 लाख तक ही खर्च होते थे, लेकिन आज इस बजट में 534 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मंत्री खुर्शीद ने दावा करते हुए कहा है कि पहले मुस्लमानों के लिए किसी नेता ने कुछ नही किया, लेकिन नीतीश सरकार ने तालाक शुदा महिलाओं के लिए 25000 हजार का प्रावधान किया । जो तलाकशुदा महिलाओं को दिया जाता है।
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