बिहार मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में लगभग तीन महीने बाद राज्य कैबिनेट की बैठक हुई। कोरोना वायरस लॉकडाउन के समय पिछले तीन महीनों में यह बैठक वीडियो काॅन्फ्रेंसिग के माध्यम से की गयी थी। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के साथ उनके सरकार में शम्मिल मंत्री और सभी विभाग के प्रधान सचिव भी शामिल हुए। मंत्रिमंडल के कैबिनेट बैठक में 25 प्रस्ताव पर मुहर लगी। इन प्रस्ताव में सबसे महत्वपूर्ण राज्य सरकार द्वारा कॉम्फेड के राज्य में स्थापित किए जाने वाले आठ दुग्ध संघ और दो डेयरी इकाइयों को पूरा करने के लिए राज्य स्कीम से 234.75 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है।
नीतीश मंत्रिमंडल ने पांच वर्षों से ज्यादा समय से अपने कार्य से लगातार गायब रहने वाले 11 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया। इनमें रोहतास से डॉ. ओपी लाल, ड़ुमराव बांका से डॉ. कमरान हबीब, त्रिवेणीगंज सुपौल से डॉ. नित्यानंद पाठक, सारण से याकूब सांगा, सिवान से डॉ. इंद्रमोहन कुमार, गोपालगंज से डॉ. सुनीता कुमारी, कटिहार से डॉ. रेणु कुमारी, छपरा से डॉ. सविता कुमारी शर्मा, सहरसा से डॉ. अबु सुफयान और कटिहार से डॉ. मो. तनवीर आलम हैं। इनके अलावा समस्तीपुर में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण में पदस्थापित इंजीनियर विजेंद्र कुमार जिन्हें सेवा से बर्खास्त किया गया था, कोर्ट के आदेश पर बर्खास्ती का आदेश तो वापस लिया गया परन्तु उनकी दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पास किया है।
बिहार कैबिनेट बैठक में कॉम्फेड के लिए 234.75 करोड़
राज्य सरकार ने कॉम्फेड द्वारा राज्य में स्थापित किए जाने वाले आठ दुग्ध संघ और दो डेयरी इकाइयों को पूरा करने के लिए राज्य स्कीम से 234.75 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिमंडल ने भी अपनी स्वीकृति दी है। अतिक्रमण से विस्थापित परिवारों को वास स्थल खरीद के लिए 60 हजार रुपये मिलेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 25 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
अब मनरेगा से कार्य जाएगा जल संचय का कार्य
लॉक डाउन के वजह से बिहार लौटे श्रमिकों के पक्ष में बिहार सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया। नीतीश कैबिनेट ने कल इस फैसले पर मुहर लगाई है कि 5 एकड़ तक के जलाशयों का जीर्णोद्धार कार्य अब मनरेगा के तहत किया जा सकेगा। बिहार में तालाबों और जलाशयों के जीर्णोद्धार की योजना से मजदूरों को काम मिल पायेगा। सरकार को यह लगता है कि मनरेगा के तहत ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम दिया जा सकता है। लिहाजा अब जल संचय की योजना में प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने की तैयारी है।
इसके पहले सरकार ने प्रवासी मजदूरों के स्किल डेवलपमेंट और उसका सर्वे कराने का फैसला लिया था। राज्य के कई जिलों से लगातार खबरें आ रही हैं कि प्रवासी मजदूर रोजगार नहीं मिलने से मायूस होकर वापस पलायन कर रहे हैं। लिहाजा अब सरकार ने मनरेगा की योजनाओं पर पूरा फोकस कर दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर नीतीश कुमार का संवाद कार्यक्रम