बिहार बजट सत्र शुरु होने के साथ ही यहां की राजनीति में कुछ अद्भुत नज़ारे देखने को मिले. ऐसा ही एक फैसला है बिहार विधानसभा के बजट सत्र में अचनाक से एनपीआर और एनआरसी को लेकर जो प्रस्ताव पारित हुआ उसको लेकर अब बीजेपी मुंह खोलने लगी है. सदन में तेजस्वी के दबाव के बाद अचानक से एनआरसी और एनपीआर पर लाए गए प्रस्ताव पर बीजेपी ने चुप्पी साध रखी थी लेकिन नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे के नेता व बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बागी तेवर अपना लिया है.
मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि जो विपक्ष के दबाव में प्रस्ताव लाया गया है जिससे कार्यकर्ताओं के बीच काफी नाराजगी है. मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बीजेपी मोदी सरकार के फैसले को मानेगी. मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिना राय लिए अचानक से विपक्ष के दबाव में आकर यह प्रस्ताव लाया गया है. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि विपक्ष मेरा मालिक नहीं है, जनता ने हमें चुनकर भेजा है. इसलिए विपक्ष के दबाव में आकर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता. आपको बता दें कि इससे पहले भी प्रेम कुमार ने कहा था कि यह प्रस्ताव बीजेपी को अंधेरे में रखकर लाया गया है.
प्रेम कुमार ने कहा, विपक्ष के दवाब में नीतीश ने लिया फैसला
बता दें कि एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास होने से पहले सीएम नीतीश कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ विधानसभा में बने मुख्यमंत्री कक्ष में मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई. इस बातचीत के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन में एनपीआर और एनआरसी पर प्रस्ताव पास होने की घोषणा कर दी. प्रस्ताव के मुताबिक बिहार में एनआरसी की आवश्यकता नहीं बताई गई है. साथ ही एनपीआर 2010 के प्रारूप के आधार पर लागू करने का सुझाव केंद्र सरकार को भेजने की बात कही गई है. हालांकि, दोनों के बीच क्या बातें हुईं, इसको लेकर किसी ने खुलासा नहीं किया.
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