फेसबुक का मालिकाना हक वाली कंपनी WhatsApp के नए अपडेट केस साथ ही फेक न्यूज का प्रचार-प्रसार कम हो जाएगा। फ़ेक न्यूज के प्रचार-प्रसार कम होने का मतलब है कि यूज़र्स एक बार में किसी फ्रिक्वेंटली फॉरवर्डेड मैसेज को एक शख्स को ही भेज सकते हैं। हालांकि, इसका मततलब यह नहीं है कि यूज़र्स एक से ज्यादा लोगों को फॉरवर्ड मैसेज बिल्कुल भी नहीं भेज पाएंगे। WhatsApp के ज़रिए फर्जी और गलत खबरों के प्रचार-प्रसार को कम करने के इरादे से मंगलवार को व्हाट्सऐप ने मैसेज फॉरवर्ड करने के नियमों में बदलाव का ऐलान किया है। नए बदलाव के अनुसार, अब आप एक समय में एक ही चैट पर फ्रिक्वेंटली फारवर्ड मैसेज को फॉरवर्ड कर सकते हैं। हाल ही कि एक रिपोर्ट से जानकारी मिली कि कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से व्हाट्सऐप फॉरवर्ड मैसेज में 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
बता दें कि यह अपडेट मौजूदा सीमा के अंतर्गत ही आया है, जिसमें यूज़र्स किसी मैसेज को केवल 5 बार ही फॉरवर्ड कर सकते हैं। फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐस ने यह कदम कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान फर्जी खबरों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए ज़ारी किया है। हाल ही में WhatsApp द्वारा अपने यूज़र्स के लिए फॉरवर्ड मैसेज की प्रमाणिकता जांचने के लिए सर्च विकल्प पेश करने की जानकारी सामने आई थी, जिसमें यूज़र व्हाट्सऐप पर आई किसी खबर को सर्च करके जांच सकते हैं कि यह खबर सच्ची है या फिर फर्जी।
इससे पहले भी व्हाट्सऐप ले चुका है कई सराहनीय कदम
आपको पता होगा कि कोरोना वायरस नाम की घातक महामारी के कारण लगभग पूरा विश्व इस वक्त लॉकडाउन से गुज़र रहा है, भारत में भी इन दिनों 21 दिनों का लॉक डाउन लागू है। ऐसे में जब हर कोई अपने घरों में बंद है, तो बाहरी दुनिया से जुड़ने के लिए लोगों का रुख ऑनलाइन बढ़ गया है। इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है WhatsApp फॉरवर्ड मैसेज में। व्हाट्सऐप फॉरवर्ड मैसेज में भारी बढ़ोतरी और फेक न्यूज़ के बढ़ते प्रसार को देखते हुए कंपनी ने फॉरवर्ड मैसेज के लिए सीमा तय कर दी है।
गौरतलब है कि व्हाट्सऐप ने पिछले साल अगस्त में उन मैसेज की पहचान करने के लिए “Frequently Forwarded” पेश किया था। ताकि उन मैसेज की पहचान हो सके जिसे बार-बार फॉरवर्ड किया जा रहा है। लेटेस्ट अपडेट उस अपडेट के बाद आया है जिसमें आप एक समय में एक फॉरवर्ड मैसेज को केवल 5 लोगों को ही भेज सकते थे। भारत में यह बदलाव अगस्त 2018 में आया था, लेकिन ग्लोबल मार्केट में इसे पिछले साल जनवरी में ज़ारी कर दिया गया था। कंपनी का दावा था कि इस बदलाव से फॉरवर्ड मैसेज में 25 फीसदी की गिरावट आई थी।