IIT प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाने के लिए विश्वविख्यात शिक्षक एवं गणितज्ञ आनंद कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं। जब भी IIT प्रवेश परीक्षा की बात होती है तो ध्यान बरबस ही सुपर 30 के संस्थापक श्री आनंद कुमार की तरफ चला जाता है। ऐसे प्रतिभावान शिक्षक की व्यक्तित्व की व्याख्या करना सहज नहीं होती। फिर भी बढ़ता बिहार की टीम शिक्षक दिवस के मौके पर उन्हें यह लेख सप्रेम भेंट करती है। तो आइये हम जानते है आनंद कुमार के बारे में कुछ अनकही-अनसुनी बातें।
सुविधाविहीन देवदहा गांव से रामानुजम क्लासेज तक
पटना से महज 25 किलोमीटर दूर एक सुविधाविहीन गांव देवदहा से हुई सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के संघर्ष की शुरुआत हुई थी। आनंद कुमार के पिता डाक विभाग में एक मामूली से क्लर्क थे। संसाधनों के आभाव में उनकी शिक्षा-दीक्षा हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूल से हुई। कालांतर में उनके पिता का देहांत हो गया। जिस कारण उन्होंने परिवार के आय में सहयोग हेतु माँ के पापड के कारोबार में हाथ बंटाना आरम्भ किया।
सातवीं कक्षा के कठिन एवं समझ में आने के बाद आसानी से हल होने वाली गणित की वजह से आनंद कुमार की रूचि गणित की तरफ तेजी से होती गई। यह रूचि दिनोदिन बढ़ती ही चली गई, समय के साथ श्री आनंद कठिन से कठिन सवालों को आसानी से हल करते चले गए। परिवार के कठिन आर्थिक हालातों से क्षुब्ध आनंद कुमार ने, सन 1992 में गणित के बच्चो को रामानुजम क्लासेज ऑफ़ मैथमेटिक्स स्थापित कर कोचिंग देना आरम्भ किया।
कैसे हुई Super 30 की स्थापना
आनंद कुमार के शिक्षण कला से प्रभावित होकर कुछ गरीब छात्र आनंद कुमार से IIT प्रवेश में संसाधनों की कमी बताकर IIT JEE के लिए कोचिंग उपलब्ध करवाने की अनुरोध लगातार कर रहे थे। सन २००२ में आनद कुमार ने गरीब बच्चो को निःशुल्क IIT JEE की तैयारी के लिए Super 30 की आधारशिला रखी। इनका साथ इनके भाई, एवं IPS अभ्यानंद सर ने दी। शुरुआत में कुछ ही बच्चो को सफलता मिली। लेकिन धीरे-धीरे सफलता की दर बढ़ती गई एवं आनंद जी का हौसला भी बुलंदियों को सलाम करने लगी।
सुपर 30 की सफलता दर 2012 में 30 में से 27, 2013 में 30 में से 28, 2014 में 30 में से 27, 2015 में 30 में 25, 2016 में 28 , 2017 में 30 में सभी 30, वही 2018 यह घटकर 25 रही। 100 % सफलता दर के बाद आनंद कुमार की प्रसिद्धि तेजी से फैलने लगी।
Super 30, एक 100% निःशुल्क माध्यम
वर्तमान में जहाँ IIT में प्रवेश-परीक्षा के नाम लाखों रूपये लिए जा रहे है। वही, सुपर 30 में चयनित छात्रों को सारी सुविधाएं निःशुल्क दी जाती है। सुपर 30 का सञ्चालन सिर्फ 30 छात्रों के लिए किया जाता है। यहाँ प्रतियोगिता के माध्यम से 30 गरीब छात्रों का चयन किया जाता है। चुने गए छात्रों को निःशुल्क कोचिंग के अलावा रहने-खाने की सम्पूर्ण व्यवस्था की जाती है। इन सभी खर्चो की भरपाई रामानुजम क्लास्सेस के माध्यम से की जाती है।
बकौल आनंद कुमार, कई बार उनसे अनेक NGO एवं भारतीय कंपनियों ने सहायता की पेशकश की है। लेकिन उन्होंने, इस आग्रह को सप्रेम ठुकरा दिया। वास्तव में आनंद कुमार विश्व को ये सन्देश देना चाहते थे कि खुद के हौसले बुलंद हो तो कठिनतम परिस्तिथियों में भी विश्व को जीता जा सकता है।
सादे जीवन से ग्लैमर की दुनिया तक
आनंद कुमार पर 2009 में डिस्कवरी चैनल ने एक 3 घंटे लम्बी एक कार्यक्रम दिखाया था। वर्ष 2009 में ही पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। साथ ही हाल ही में विकास बहल द्वारा निर्देशित रिलायंस एंटरटेनमेंट के बैनर तले “सुपर 30” नामक सिनेमा लांच किया गया। इस सिनेमा में ह्रितिक रौशन ने आनंद कुमार का किरदार निभाया है। यह सिनेमा सुपरहिट रही एवं इसने 200 करोड़ से अधिक का कारोबार किया।
जी हाँ, आपने सच सुना! आनंद कुमार का भी विवादों से नाता रहा है। वास्तविकता यही है कि आप जितनी ज्यादा प्रगति करते है, उतनी ही ज्यादा आप पर आरोप भी लगते है। उनपर सुपर 30 में पारदर्शिता न बरतने एवं रामानुजम क्लासेज के साथ तालमेल का आरोप लगते रहे है। आनंद कुमार पर इसी तरह के आरोप लगाकर IPS अभ्यानंद जी सुपर 30 से अलग हो गए थे।
आनंद कुमार और विवाद
एक बार, इन विवादों पर “BBC हिंदी” से बात करते हुए आनंद कुमार ने कहा था कि ”मैं हर आरोप का जवाब दूं या बच्चों को पढ़ाऊं? कोई ग़रीब का बच्चा या जिसकी कोई पहचान नहीं है उसका बच्चा आगे बढ़ता है तो उसे परेशान किया जाता है। लोग विरोध कर रहे थे, लेकिन जब फ़िल्म बनने की बात आई तभी क्यों कैंपेन चलाया गया। क्यों लोग कहने लगे कि उन्हें भी फ़िल्म में लाया जाए। मेरे लोगों को फ़ेसबुक पर लिखने का आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया। मैं तब भी चुप हूं। वक़्त ही न्याय करेगा।” अनेको आरोपों के बावजूद आनंद कुमार पर आरोप साबित करने वाली एक भी सबूत फ़िलहाल किसी के पास उपलब्ध नहीं है।
बिहार में आनंद कुमार के नाम राजनेताओं के बीच भी जुबानी बहस होते रही है। आनंद कुमार पर अन्य कोचिंग संस्थानों द्वारा 3 बार हमला करवाए जाने की बात भी कही जाती रही है। तीन बार जानलेवा हमलो के बाद नितीश कुमार के अनुशंसा पर आनंद कुमार को पुलिस प्रोटेक्शन प्रदान की गई थी। हालांकि अन्य संस्थानों द्वारा इन हमलो के प्रायोजित होने की बात अभी तक साबित नहीं हो पाई है।
आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक को है ब्रेन ट्यूमर
समाज एवं युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत
आनद कुमार की जीवनी देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित अख़बारों में प्रकाशित हो चुकी है। साथ ही उन्हें कई ख्याति प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए है। 2010 में, Time Magazine ने आनंद कुमार के ” सुपर 30 ” को सर्वश्रेष्ठ एशियाई संस्था के रूप में सम्मानित किया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया और सुपर 30 को पूर्व United States के राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी प्रशंसा मिली। साथ ही बिहार की राज्य सरकार ने भी आनंद कुमार को सम्मानित किया है।
पटना जैसे शहर में सिर्फ दो छात्रों से शुरुआत कर पुरे विश्व में छा जाने वाले आनंद कुमार सदैव युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे। विश्व में ऐसे लोग कम ही हुए है जो कठिनतम परिस्तिथियाँ होने के बावजूद पुरे विश्व में छा गए। उन्होंने गरीबी, शिक्षा और आय के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करते हुए अपने कठिन परिश्रम के बदौलत एक शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसी मुकाम हासिल हासिल की, जो युगो तक युवाओं एवं छात्रों को राह दिखाती रहेगी।
बिहार की पहचान बने आनंद कुमार को शिक्षक दिवस पर बढ़ता बिहार की टीम पुरे बिहार के तरफ से धन्यवाद करती है।