कहते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस, बिहार भी अभी उसी कथन को चरितार्थ कर रहा है। नालंदा में एक जदयू कार्यकर्ता की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गयी। जेडीयू विधायक जी पहुंचे हॉस्पिटल और लगे डॉक्टरों पर नेचुरल डेथ की बात कह सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव बनाने। जब डॉक्टर नहीं माने तब चढ़ गया इनका पारा, और फिर क्या था, उन्होंने डॉक्टरों को धमकी दी और कहा कि सबको जूते से मारेंगे। उनका गुस्सा देखकर सिविल सर्जन हाथ जोड़ते रहे। लेकिन विधायक जी का गुस्सा है की काम हो नहीं रहा था।
जेडीयू विधायक के अभद्र आचरण
जेडीयू विधायक के अभद्र आचरण और सिविल सर्जन से इस तरह की सरेआम बदतमीजी को देखकर सदर अस्पताल के सारे डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। खबर है कि सारे थाना क्षेत्र इलाके के बड़ेपुर गांव निवासी जदयू कार्यकर्ता जितेंद्र यादव की बीती रात संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। जितेंद्र यादव जेडीयू से जुड़े रहे और जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी थे, इसलिए जेडीयू विधायक अपने दल बल के साथ अस्पताल पहुंच गए।
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यहां तक तो लगभग सब ठीक था, लेकिन इसके बाद जो हुआ उसके क्या कहने। जेडीयू विधायक डॉ जितेंद्र कुमार ने सिविल सर्जन को फोन कर पोस्टमार्टम जल्द से जल्द कराने की बात कही। विधायक जी की बात सुन बस थोड़ी देर में डॉक्टरों की टीम भी पोस्टमार्टम के लिए आ गई, लेकिन विधायक को थोड़ी देरी भी बर्दाश्त नहीं थी। बस फिर क्या कहने, उन्होंने रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पवन कुमार से के साथ भिड़ गए कर और उन्हें पोस्टमार्टम करने से रोकते हुए भगा दिया।
घटना गंभीर थी, जानकारी मिलते ही सिविल सर्जन भागे भागे अस्पताल पहुंचे, विधायक जी ने सिविल सर्जन के साथ भी बदसलूकी करनी शुरू कर दी। खरी-खोटी सुनाते हुए सिविल सर्जन को ही निष्क्रिय कह दिया। इस घटना को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में पदस्थापित अस्पताल उपाधीक्षक डॉ कृष्णा ने मामले को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच कराने की मांग बिहार के मुखिया नीतीश कुमार से की है।
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