पिछले दिनों बिहार के हर नागरिक का ध्यान विधानसभा में पेश होने वाले बिहार बजट 2019-20 पर था। सरकार ने भी बिना निराश किये पहली बार राज्य का बजट दो लाख करोड़ से ज्यादा का पेश किया। आज़ादी के बाद अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा शिक्षा क्षेत्र को लगभग बजट के हिस्सा का 20 फीसदी राशि प्रदान की गयी है।
न्याय के साथ विकास की दृष्टि रखने वाले मुख्यमंत्री नितीश कुमार की यह झलक बिहार बजट में भी देखने को मिला। बिहार बजट में गाँव, गरीब, किसान, मजदूर, छात्र, कारोबारी इत्यादि का सामान रूप से ख्याल रखा गया है। उम्मीद की जा रही है की हाल में जो विकास दर का कीर्तिमान बिहार ने हासिल किया है वह आने वाले समय में और भी प्रबल होगा।
बिहार बजट 2019-20 के प्रमुख बिंदु
- अब तक का सर्वाधिक 2 लाख 501 करोड़ का बजट पेश किया गया।
- सर्वाधिक राशि शिक्षा मद में 20,309 करोड़ का आवंटन।
- ग्रामीण विकास में 15,814 करोड़ रूपए का आवंटन।
- 5,149 करोड़ की राशि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए।
- सरकारी स्कूल के बालिकाओं के लिए साईकिल योजना को 207 करोड़ रूपए।
- आयुष्मान भारत योजना पर 335 करोड़ रूपए का खर्च।
- ग्रामीण कार्य में 9896 करोड़ का आवंटन।
- समाज कल्याण के लिए 6997 करोड़ रूपए का बजट ।
- पथ निर्माण के लिए 5936 करोड़ रूपए की राशि ।
- उर्जा क्षेत्र में 4583 करोड़ रूपए की राशि का आवंटन।
- पंचायती राज में 3114 करोड़ रूपए की राशि का आवंटन।
- शहरी विकास और आवास के लिए 3075 करोड़ रूपए।
- अनुसूचित जाति जनजाति के योजनाओ के लिए 1840 करोड़ रूपए का आवंटन।
युवाओ और शिक्षा पर सरकार का बढ़ता बिहार
किसी प्रदेश को विकसित बनाने के लिए युवाओ को आगे बढ़ाना अति आवश्यक है। बिहार सरकार भी इस बात को बखूबी समझती है। इस सोच को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने सालाना बजट का सर्वाधिक हिस्सा शिक्षा से जुडी योजनाओ पर खर्च करने का निर्णय लिया है। सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में योजनाओं पर अगले एक साल में सर्वाधिक 20309 करोड़ रूपए खर्च किये जायेंगे।
- मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना पर 207 करोड़
- बालिका (इंटर) प्रोत्साहन योजना पर 274 करोड़
- मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना पर 200 करोड़
- सर्व शिक्षा अभियान योजना के लिए 14352 करोड़ रूपए
- मिड डे मील योजना के लिए 2374 करोड़
- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान पर 490 करोड़ रूपए
- जमुई में राजकीय महिला डिग्री महाविद्यालय की स्थापना के लिए 13।5 करोड़ रूपए
बिहार बजट में किसानों पर हुई कृपा की बारिश
बिहार राज्य की 87 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है कर कृषि पर निर्भर है। ऐसे में बिहार बजट 2019-20 में किसानों का पूरा ख्यान रखा गया है। करीब 30000 करोड़ रूपए के कृषि बजट की अधिकाँश राशि अगले एक साल में नयी तकनीक, अनुदान, सिंचाई, कृषि शिक्षा और फसल सहायता में खर्च की जाने की बात कही गयी है। बजट के जरिये राज्य सरकार ने गाँव और कृषि के समग्र विकास पर जोर दिया है। खेतों की सेहत से लेकर किसानों को बाज़ार उपलब्ध कराने तक की व्यवस्था की जाएगी, ताकि बिहार हरित क्रांति का अगुआ बन सके।
बजट के अन्य प्रमुख बिंदु
- 24 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया।
- 13.40 लाख किसानों को 1430 करोड़ रुपए का अनुदान।
- 15 लाख किसानों को 195 करोड़ रुपए डीजल अनुदान।
- सड़कों की मरम्मत के लिए 6654 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- उग्रवाद प्रभावित इलाके के लिए 1228 करोड़ रुपए आवंटित किए गए।
- हर घर बिजली पहुंचाने वाला आठवां राज्य बना बिहार।
- इस साल दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत हर किसान को मिलेगी बिजली, 5827 करोड़ स्वीकृत।
- जर्जर बिजली तारों को बदलने के लइए 2827 करोड़ रुपए स्वीकृत।
- साइकिल के लिए राशि 2500 रुपए से बढ़ाकर 3 हजार रुपए की गई।
- सैनिटरी नैपकीन के लिए 56.20 करोड़ रुपए आवंटित।
- बिहार के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का लक्ष्य।
- आयुष्मान भारत योजना के लिए 335 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- पीएमसीएच को विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने के लिए 5540 करोड़ रुपए स्वीकृत।
- 11 जिलों में खुलेगा मेडिकल कॉलेज, नालंदा में डेंटल कॉलेज खोलने की मंजूरी। (छपरा, पूर्णिया, समस्तीपुर, बेगूसराय, सीतामढ़ी, वैशाली, झंझारपुर, सीवान, बक्सर, भोजपुर और जमुई में खुलेगा मेडिकल कॉलेज)
- आईजीआईएमएस में 100 बेड के स्टेट कैंसर संस्थान का होगा निर्माण।
- सब्जी प्रसंस्करण के लिए 1750 करोड़ रुपए की स्वीकृति।
पेश किए गए बिहार बजट 2019-20 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2005-06 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मुकाबले 56।3 प्रतिशत ऋण था, जो 2017-18 में घटकर जीएसडीपी का 31।67 प्रतिशत हो गया। पहले एक लाख 56 हजार 776 करोड़ का ऋण था, जो अब घटकर एक लाख 44 हजार 444 करोड़ हो गया है।
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