“रोड नहीं तो वोट नहीं” के तर्ज पर करेंगे मतदान का बहिष्कार
पालीगंज। अनुमंडल सह प्रखंड के थाना क्षेत्र में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर रविवार को बहेरिया-निरखपुर गांव स्थित शिव मंदिर परिसर में महेशपुर, छोटकी निरखपुर, बड़की निरखपुर व सिद्धिपूर गांव के हजारों ग्रामीण मतदाताओं ने बैठक कर पालीगंज से निरखपुर-गौसगंज होते किंजर के पास अरवल-जहानाबाद मुख्य सड़क तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
बैठक की अध्यक्षता सिद्धिपूर गांव निवासी अनुराग शर्मा ने किया
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को पालीगंज प्रखण्ड के बहेरिया-निरखपुर गांव स्थित शिवमंदिर परिसर में आयोजित बैठक की अध्यक्षता सिद्धिपूर गांव निवासी अनुराग शर्मा ने किया। बैठक में छोटकी निरखपुर, बड़ी निरखपुर, सिद्धिपूर व महेशपुर गांव के ग्रामीण मतदाताओं ने भाग लिया।
सड़क की निजी जमीन होते हुए सरकार की उपेछा का शिकार
बैठक में सड़क निर्माण की मांग को लेकर चर्चा में ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के पूर्व से यह सड़क की अपनी निजी जमीन होते हुए भी सरकार की उपेछा का शिकार है। जहां सड़कों की जमीन नहीं थी वहां सड़क बना दिया गया लेकिन इसपर आजतक किसी ने ध्यान नहीं दिया। मौके पर मौजूद सभी ग्रामीणों ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद से यहां की जनता स्थानीय नेताओं से सड़क के लिए गुहार लगाया लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
“रोड नहीं तो वोट नहीं” के तर्ज पर मतदान का बहिष्कार
बैठक के दौरान चार गांवों के ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि यदि इस सड़क का निर्माण नहीं कराया गया तो हम सभी ग्रामीण मतदाता “रोड नहीं तो वोट नहीं” के तर्ज पर आगामी विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार करेंगे।
इस दौरान नाराज ग्रामीण नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किए। इस मामले में पालीगंज एसडीओ मुकेश कुमार ने बताया कि ग्रामीण मतदाताओं द्वारा सड़क निर्माण की मांग को लेकर वोट बहिष्कार करने की जानकारी मिली है। फिलहाल ग्रामीणों को समझाने के लिए सम्बन्धित सेक्टर के पदाधिकारी जैसे बीडीओ व प्रशासन को उक्त स्थल पर भेज चूका हूं यदि उनकी बात ग्रामीण नहीं मानते हैं तो मैं खुद भी ग्रामीणों को समझाने जाऊंगा। वहीं एसडीओ ने बताया कि सड़क निर्माण में मेरी ओर से जो भी सम्भव होगी ग्रामीणों को मदद करूंगा।
ज्ञात हो कि यह सड़क का इतिहास बहुत पुराना है। इसी सड़क से होकर पूर्व में लोग व ब्यापारी सोनपुर के बाद बिहार का सबसे बड़ा पशु मेला समदा गांव में कई राज्यों से आते थे। इस सड़क के निर्माण से निरखपुर, सिद्धिपूर, रघुनाथपुर, मेरा, महेशपुर, दहिया, बसन्त बिगहा, समदा, महुआरी, गौसगंज, कौरी, काढ़ेकुड़ा, हेलहा व रूपापुर सहित दर्जनों गांव जुड़ेगी। जिससे यातायात के अलावे ग्रामीण इलाकों के लोगों को रोजगार मिलेगी।