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महीने भर में बहा करोड़ों का विकास, सत्तरघाट महासेतु का पिछले महीने उद्घाटन

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जिस तरह बिहार में डबल इंजन की सरकार है, ठीक उसी तरह बिहार इस वक्त डबल मुसीबत से जूझ रहा है. दरअसल बिहार में एक तो बाढ़ का कहर है, और दूसरी तरफ कोरोना की मार. इस सब परेशानी के साथ बिहार को बोनस में मिली है, प्रशासन की नाकामी. सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार के लगभग सभी दावों की पोल महज गोपालगंज का एक पुल ने खोलकर रख दिया है. बता दें कि गोपालगंज में 29 दिनों का नवनिर्मित सत्तरघाट महासेतु का एक हिस्सा ढह गया, और इसी के साथ खुल गयी सुशासन बाबू के सुशासन की पोल.

विदित हो कि एक महीने पहले ही सत्तरघाट महासेतु का उद्धाटन हुआ था. इस खबर की सबसे खास बात यह है कि इस पुल के निर्माण में कुल 264 करोड़ का खर्च था. और महज एक झटके में ही 264 करोड़ की लागत वाला पुल पानी में बह गई.

गत माह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सुशासन बाबू ने किया था इसका उद्घाटन

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के कर इस पुल का उद्घाटन किया था. लोगों का कहना है कि एक माह पूर्व ही इस पुल का उद्घाटन हुआ था. पानी के ज्यादा दबाव के कारण पुल टूट गया है. लोगों के आने-जाने का लिंक समाप्त हो गया है. इधर के लोगों का लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है.

ये पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था. बता दें कि गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया.

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बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में यह पुल टूटा है. इस हादसे के बाद स्थानीय भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी ने पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। वहीं, पूर्वी चम्पारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सत्तरघाट पुल के बाद का एप्रोच पथ गोपालगंज जिले की तरफ से टूटा है। अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।

गौरतलब है कि इस सेतु का निर्माण बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा कराया गया था. साल 2012 में इस पुल के निर्माण का कार्य शुरू किया गया था. निर्माण पूरा होने के बाद पिछले 16 जून 2020 को इस महासेतु का उद्घाटन किया गया था.

सत्तरघाट महासेतु टूटने पर नेता प्रतिपक्ष का ट्वीट से तंज

इस घटना पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया. खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है. इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं.

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