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सावन के शुरुआत में ही बिहार में बाढ़, इन जिलों में टूटा बांध, लोगों में अफरातफरी ​

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नेपाल के साथ-साथ तराई क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से उफनाईं नदियां एक बार फिर उत्तर बिहार के लिए संकट पैदा कर दी है। इस साल मॉनसून के आने के बाद से ही लगातार बारिश हो रही है। लगभग रोजाना हो रही बारिश और नेपाल के पानी छोड़ने के कारण बिहार में बाढ़ तबाही मचा रखा है। बाढ़ से हुयी तबाही का यह नज़ार मंगलवार को दिखा। बागमती, लखनदेई, गंडक के  अलावा कई छोटी नदियां भी अलग-अलग जगहों पर लाल निशान से ऊपर पहुंच खतरनाक रुख अख्तियार कर चुकी है।

बता दें कि चंपारण, तिरहुत और मिथिलांचल के लगभग पांच दर्जन से अधिक गांव या तो टापूओं में बदल गये हैं या फिर वहां तेजी से पानी फैल रहा है। प्रकृति के इस कहर के बीच बांधों के टूटने का सिलसिला गत मंगलवार को जारी रहा। विदित हो कि मधुबनी के मधवापुर में बलवा अस्पताल के पास धौस नदी का बांध टूट गया गया है। वहीं पूर्वी चंपारण के चिरैया में सिकरहना का बांध टूटने से पानी वहां के निचले इलाके में तेजी से फैल रहा है।  दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर के पारू में रिंग बांध टूटने से लोगों में अफरातफरी मच गई, और वहां के मूल निवासी काफी घबराये हुये हैं। ​

मधुबनी में  एनएच-104 पर चढ़ पानी

मधुबनी में  एनएच-104 पर कई जगह बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इस कारण जिला मुख्यालय से मधवापुर प्रखंड का संपर्क टूट गया है। अब मधवापुर के लोगों को मधुबनी जाने के लिए सीतामढ़ी के चोरौत होते हुए सफर करना पड़ रहा है। मधवापुर प्रखंड में 10 सड़कें बाढ़ में अभी डूबी हैं। ​तो दरभंगा के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों की करीब 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। यहां की सड़कों पर करीब दो से ढाई फुट पानी बह रहा है। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारी लगातार दौरा कर रहे हैं। सभी तटबंधों की निगरानी की जा रही है। ​

मुजफ्फरपुर भी बाढ़ के चपेट में,  हज़ारों ग्रामीणों के घर में घुसा पानी  ​

मुजफ्फरपुर में बागमती, लखनदेई व मनुषमारा व गंडक के उफनाने से जिले के छह प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। गंडक के जलस्तर में वृद्धि से साहेबगंज, पारू व सरैया प्रखंड में बांध के अंदर बसे डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। पारू में सुबह रिंग बांध टूटने से अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद टूटे बांध से गांवों में पानी के बहाव को रोका। मगर अभी खतरा बना हुआ है। बागमती औराई, कटरा व गायघाट में तबाही मचा रही है। तीनों प्रखंड में करीब ढाई हजार घरों में पानी घुसा हुआ है। दर्जनभर मुख्य सड़कों पर दो से तीन फीट पानी बह रहा है।

​उल्लेखनीय है कि पूर्वी चंपारण के चिरैया में सिकरहना का बांध टूटने से पानी निचले इलाके में घुसने लगा है। सरसावा गांव के पास सिकरहना नदी का बांध 13 जुलाई की देर रात टूट गया। बांध के पास बना सड़क पुल भी ध्वस्त हो गया है। इससे सरसावा गांव का संपर्क दूसरे गांवों से कट गया है। नदी का पानी तेजी से सरसावा,सुन्दरपुर खाप,डीह महुआही, आमगच्छी,सरौगड़ व बैद्यनाथपुर गांव की ओर बढ़ रहा है। करीब चार सौ हेक्टेयर में लगी धान की फसल पूरी तरह डूब गयी है। जिससे किसानों की जमकर क्षति हुयी है।

खेसारी लाल यादव लाॅकडाउन में कर रहे धान की रोपनी

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