बिहार सरकार प्रवासी श्रमिकों को बिहार वापस लाने के लिए ट्रेनों की तलाश में हैं। कल दोपहर तक, नीतीश कुमार अपने राज्य से उन प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के खिलाफ थे, जो अन्य राज्यों में लॉकडाउन के वजह से अन्य राज्यों में फंसे हुए थे। आज, नीतीश कुमार, प्रवासी श्रमिकों को बिहार वापस लाने के लिए ट्रेनों की तलाश में हैं। सरकार में उनके डिप्टी, बीजेपी के सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया कि केंद्र को “दूर के स्थानों से प्रवासियों” को ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन करना चाहिए।
स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग महाराष्ट्र सरकार द्वारा बार-बार की गई है, जो कोरोनोवायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है; मुंबई देश के किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देता है। बिहार सरकार में पंद्रह वर्ष पूरा करने के बाद अपने हाथ खड़े करने वाले नीतीश कुमार ने कहा की बस के माध्यम से अन्य राज्य में फंसे लोगों को लाना मुमकिन नहीं है।
कोरोना से मुकाबला : केंद्र सरकार से बिहारी छात्रों और मज़दूरों को लाने हेतु विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध। pic.twitter.com/4K5xTTC422
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 30, 2020
तेजस्वी यादव बिहार सरकार को 2000 बस देंगे
इस बीच तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा की अगर सरकार के पास बस नहीं है तो वो सरकार को 2000 बस व्यवस्था कराने के लिए तैयार हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा की “बिहार सरकार ने असमर्थता जताते हुए कहा है कि बाहर फँसे मज़दूरों को वापस लाने के लिए सरकार के पास बसें नहीं है। हम सरकार को 2000 बसें सुपुर्द करने के लिए तैयार है। वो नोडल और प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में इन बसों का प्रयोग कर सकते है। बसें पटना में कब भेजनी है, बताया जाए।”
बिहार सरकार ने असमर्थता जताते हुए कहा है कि बाहर फँसे मज़दूरों को वापस लाने के लिए सरकार के पास बसें नहीं है।
हम सरकार को 2000 बसें सुपुर्द करने के लिए तैयार है। वो नोडल और प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में इन बसों का प्रयोग कर सकते है। बसें पटना में कब भेजनी है।बताया जाए।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 30, 2020
सरकार पर तंज करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा “माननीय मुख्यमंत्री जी, विपक्ष सरकार को 2000 बस दे रहा है। बसें ले लीजिए और हमारे ग़रीब बिहारी भाइयों को ले आइए। भले इसका श्रेय भी आप ले लीजिए। हमें कोई आपत्ति नहीं। लेकिन कृपया कर के तत्काल प्रभाव से कुछ किजीए, कितना सोचेंगे। ये सोचने का समय नहीं कर्तव्य करने का समय है।
अन्य राज्यों में फंसे हैं 28 लाख मजदूर
बिहार सरकार के अनुसार राज्य से बाहर लगभग 28 लाख मजदूर फंसे हैं इन सब को लाकर उनके ब्लॉक में क्वारंटाइन सेंटर बना कर इनको 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जाएगा। साथ ही सरकार के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा की क्वारंटाइन करने की व्यवस्था सिर्फ मजदूरों के लिए होगी जबकि विद्यार्थियों को उनके घर पर ही क्वारंटाइन किया जाएगा। उम्मीद है की बिहार सरकार जल्द ही अन्य राज्यों में फंसे बिहारी भाइयों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
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