उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए सुगम रास्ते की उम्मीद तत्काल नहीं बन रही है। पटना में गांधी सेतु, मोकामा में राजेंद्र पुल और भागलपुर में विक्रमशिला गंगा पुल भारी वाहनों का बोझ ढोने के काबिल नहीं बचे हैं। आरा-छपरा को जोड़ने वाले वीरकुंवर सिंह पुल और दीघा-सोनपुर जेपी सेतु पर इतना दबाव है कि दो-दो दिनों तक वाहन जाम में फंसे रहते हैं। गंगा पर पुल की दो बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का कार्य इतना पिछड़ गया है कि तत्काल सुगम परिवहन की उम्मीद नहीं दिख रही है।
चल रहा गांधी सेतु की मरम्मत का कार्य
गांधी सेतु की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसके समानांतर नये सेतु निर्माण का प्रस्ताव भी है। इसी तरह भागलपुर में विक्रमशिला सेतु भी मियाद से पहले ही जर्जर हो गया और अब इसके समानांतर नया पुल बनाने की घोषणा हो चुकी है। दोनों परियोजनाओं की घोषणा के पहले पटना में कच्ची दरगाह से बिदुपुर छह लेन के गंगा पुल का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। करार के अनुसार पुल का निर्माण 2021 में पूरा होना है। वैसे समय पर कार्य पूरा हो इसकी उम्मीद कम है क्योंकि जिस एजेंसी को कार्य मिला है उसकी परियोजना की लागत बढ़ती जा रही है। निर्माण कार्यावधि विस्तार के ऑक्सीजन पर है। हाल यह है कि कई परियोजनाएं दो-दो साल देर से चल रही हैं।
समानांतर पुल के निर्माण का प्रस्ताव
मोकामा-बरौनी राजेंद्र पुल वर्ष 1982 के पहले तक उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच सड़क परिवहन का एकमात्र साधन था। पटना में गांधी सेतु का निर्माण वर्ष 1982 में होने के बाद पटना से सारण, तिरहुत, चंपारण और नेपाल तक की दूरी कम हो गई। दो दशक में गांधी सेतु ध्वस्त हो गया। राजेंद्र पुल और गांधी सेतु का विकल्प भागलपुर में विक्रमशिला सेतु भी नहीं बन सका। यह मियाद से पहले ही जर्जर हो चुका है।
अब नये समानांतर पुल के निर्माण का प्रस्ताव है। जेपी सेतु महज 10 मीटर चौड़ा है। फोरलेन गांधी सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक के कारण इससे गुजरने वाले भारी वाहन रात में जेपी सेतु से गुजरते हैं। जेपी सेतु पर भारी वाहनों के बोझ पर रेलवे ने आपत्ति जता दी है। रेलवे की आपत्ति के कारण ही राजेंद्र सेतु को भी बंद कर दिया गया है। आरा-छपरा फोरलेन वीरकुंवर सिंह पुल बोझ ढोने के लिए अकेला पड़ गया है।
जेपी सेतु पार करने को महाजाम
प्रशासन ने जेपी सेतु से भारी वाहनों के उत्तर बिहार जाने के लिए रात में 10.00 बजे से तड़के 2.00 बजे के बीच समय तय किया है। भारी वाहन जेपी सेतु पार करने के लिए दो-दो दिनों तक बिहटा, फुलवारीशरीफ, नौबतपुर, खगौल और न्यू बाईपास पर इंतजार में खड़े रह रहे हैं। हाल यह कि एनएच 98 पर एम्स से लेकर दीघा तक तीन-तीन कतार में ट्रक खड़ी कर आवागमन बाधित कर दिया गया है।