होली से पहले ही सूबेवासियों की जिंदगी में रंग,यूनिवर्सिटी में होगी हजारों बहाली

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रंगों के त्योहार होली से पहले ही बिहार के लोगों की जिंदगी में मानों रंग भर गया हो। दरअसल बात कुछ ऐसी है कि बिहार के यूनिवर्सिटी में हजारों शिक्षकेत्तर कर्मियों की बहाली होनी है। विदित हो कि बिहार में कुल 13 विश्वविद्यालय हैं। इन यूनिवर्सिटी में 14 हजार से ज्यादा शिक्षकेतर कर्मचारियों के पद सृजित हैं। जानकारी के मुताबिक इसमें से आधे पद खाली हैं। वर्षों से इन पदों पर कोई नियुक्ति नहीं की गई है। लोग रिटायर करते गए लेकिन सरकार ने इसकी सुध लेना उचित नहीं समझा। ऐसा बताया गया है कि शिक्षकेतर कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए राजभवन ने दिशा निर्देश दे दिया है।

14 हजार शिक्षकेतर कर्मचारियों के पद में से आधे पद खाली

आपको बता दें कि बिहार राज्य में कुल 13 विश्वविद्यालय हैं। इस विश्वविद्यालयों में खाली पड़े शिक्षकेतर कर्मचारियों के ज्यादतर पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए राजभवन ने अपने स्तर से कोशिश शुरू कर दी है। विदित हो कि इसी साल अक्टूबर-नवम्बर में राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य के 13 विश्वविद्यालयों में 14000 से अधिक कर्मचारियों के पद सृजित हैं। जिनमें से लगभग आधे पद खाली हैं।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में शैक्षिक और प्रशासनिक वातावरण व व्यवस्था बनाए रखने के लिए शिक्षकेतर कर्मचारियों के खाली पदों पर बहाली की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। हाल ही में हुई कुलपतियों की बैठक में कर्मचारियों की नियुक्ति संविदा पर करने के लिए दिशा निर्देश बनाने हेतु समिति गठन पर भी चर्चा की गई है। हालांकि, यह बताया गया है की शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति अस्थाई नहीं होगी। इनके बहाली संविदा पर करके कर्मचारियों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

यह अजीब-सी विडंबना है कि इतने सालों से खाली इन पदों की सरकार को सूध नहीं थी, लेकिन अब विस चुनाव 2020 के समय को नज़दीक आते देख सरकार की नींद खुली है। खैर, इस बहाली के पीछे की वजह चाहे जो भी हो, सूबेवासियों के लिए तो यह खबर होली के पहले मानों एक तोहफा ही है।

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