- सड़कों पर बहते पानी से लोगों की जीवन बनी नारकीय
किंजर, (अरवल)। किसी भी राज्य और जिले अथवा अनुमंडल-प्रखंड और गांव को जोड़ने का सुगम और सरल साधन आवागमन रहता है। परंतु बिहार के अरवल जिले की किंजर प्रखंड की मुख्य बाजार की स्थिति नारकीय होने से स्थानीय लोगों के बीच गंभीर तौर पर परेशानी की विषय बन चुकी है। इस संबंध में जब संवाददाता ने क्षेत्रों का दौरा कर जर्जर सड़कों के बारे में जानकारी ली तो उसे भी कुछ देर के लिये सोचने पर विवश होना पड़ा। इस बावत प्रखंड के एक निवासी ने बताया कि हम आपको क्या बतायें ? आप स्वयं प्रखंड की मुख्य बाजार की स्थिति को देखकर अनुमान लगा सकते हैं।
सड़क पर गड्ढा या गड्ढों में सड़क
इसके बाद जब संवाददाता ने बाजार की सड़कों पर नजर दौड़ायी तो उसके मुंह से कुछ भी शब्द नहीं निकल सका। सिर्फ यही सोचने में समय बीत गया कि सड़क पर गड्ढा या गड्ढों में सड़क। इस क्षेत्र के स्थानीय विधायक और मुखिया अथवा सरपंच की विफल कार्यशैली से प्रखंड क्षेत्र के मुख्य बाजार इन दिनों पूरी तरह से नरक में तब्दील हो चुकी है। सड़क पर गड्डा में जमे पानी से लोगों को जीना मुहाल कर दिया। जिस कारण लोगों को सड़क पर आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। बावजूद इस मामले पर अब तक न तो राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट हो सका और न ही जिले के आला-अधिकारियों की। जिस वजह से लोगों को गंदे पानी के बीच से गुजर कर बाजार पार कर रहे हैं। अब आपको बताता चलूं कि उक्त सड़क मार्ग से आए दिन दर्जनों जनप्रतिनिधियों से लेकर जिला के आला-अधिकारियों का आवागमन होता है। किंजर बाजार की हालत इन दिनों देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि बारिश हो या न हो जहां सड़क पर पानी ही पानी देखने को मिलती है।
बाजारवासियों में गंभीर तौर पर रोष व्याप्त
इस बाबत किंजर बाजार निवासी राज कुमार, मनोज कुमार, रमाकांत साव, प्रवीण कुमार, कमलेश कुमार, सुधीर कुमार और चंदन कुमार समेत कई लोगों ने संयुक्त रूप से बताया कि किंजर बाजार से सड़कों पर विगत कई माह से गड्ढे में जमा पानी रहता है। वहीं इस समस्या को लेकर बाजारवासियों में गंभीर तौर पर रोष व्याप्त है। अगर बारिश हो जाए तो 2 से 3 फीट पानी जमा हो जाती है। इसका मुख्य कारण सड़क रिपेयरिंग नहीं होने की वजह से गड्ढे में पानी जमा रहता है। जिसे किंजरवासी में खतरनाक बीमारियों की होने की संभावना बनी रहती है। किंजर बाजार से सड़कों पर विगत कई माह से गंदे पानी जमा रहता है। जिससे निकलने वाले दुर्गंध से व्यवसायियों को भी जीना मुहाल हो गया है। इसे लेकर कई बार विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन और पुतला दहन कार्यक्रम किया गया लेकिन अब तक मामला सिफर रहा।