आज राजधानी पटना में कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक संपन्न हुई। कोरोना क्राइसिस की आज हुयी इस उच्चस्तरीय बैठक में बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि किसी भी सूरत में बाहर से आया कोई भी व्यक्ति अब बिहार में प्रवेश नहीं कर सकता है। देश के अन्य राज्यों में रहने वाले वो कोई भी बिहारी जो अब अपने होम स्टेट में वापस लौट रहें हैं, उन्हें अब हर हाल में सीमाक्षेत्र में बने आपदा राहत केंद्र में ही रहना होगा।
बता दें कि अपनी आगे की बातचीत में मुख्य सचिव ने कहा कि हर हाल में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इस गंभीर मसले पर तो अब ड्रोन से निगरानी की जाएगी। विदित हो कि बीते 21 दिनों में करीब सवा लाख से अधिक लोग देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से बिहार पहुंचे हैं।
अब आपदा प्रबंधन विभाग ने उनकी ट्रैकिंग शुरू कर दी है, और साथ ही अब बिहार में लॉकडाउन को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने कमान कस ली है। सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह कि आज हुयी बैठक के बाद आज से ही राज्य की अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमा को पूरी तरह से लॉक करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
आज से राज्य की सभी सीमाएं हुयी सील
आज से नेपाल, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाले सभी रास्तों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और अब इनसे किसी का भी प्रवेश बिहार में नहीं हो सकेगा। इन सीमाओं से लगी सड़कों से पुलिस अब किसी को कहीं भी आने-जाने की अनुमति नहीं देगी। वहीं, आपातकालीन सेवाओं, राशन, किराना, फल, सब्जी और दवाओं को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है।
गौरतलब है कि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया है कि रविवार और सोमवार की शाम तक बिहार के बार्डर पर बहुत सारे लोग आ गए थे, और बार्डर पर रुकने को तैयार नहीं थे, इसलिए सरकार के आदेश के बाद उन्हें उनके गांव में बने क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
अब भी लोगों का बिहार आना था जारी
यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि दिल्ली से लोगों का बिहार आना लगातार जारी है। लोगों को आने की जो भी सुविधा मिल रही उससे लोग बिहार आ रहे हैं। इन सभी लोगों को जांच के बाद ही अबतक एंट्री दी गई है लेकिन अब सीमाएं सील होने के बाद उन्हें एंट्री मिलेगी या नहीं ये बात अब पुलिस पर पूरी तरह निर्भर है।