भारत चीन के बीच खींचा तान के साथ ही बिहार में बॉयकॉट चाइना शुरु हो गया है। बिहार में नीतीश सरकार ने चीनी कंपनी का एक प्रॉजेक्ट कैंसील कर दिया है। ये निर्णय बिहार सरकार द्वारा रविवार को लिया गया है। इसमें सरकार ने गंगा नदी पर बन रहे पुल का टेंडर कैंसील कर दिया है। ये पुल महात्मा गांधी सेतु के बगल में बन रहा था। जिसमें दो चीनी कंपनियों के शामिल होने की बात कही जा रही थी।
बॉयकॉट चाइना मुहिम पर काम कर रही सरकार
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इस मामले में बिहार सरकार के सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने अपना बयान दिया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि दिए गए टेंडर में चार कंपनियां थी। इसमें दो के साथ चीनी कंपनी शामिल थी। ऐसे में उनका टेंडर कैंसील कर दिया गया है। महात्मा गांधी सेतु के बगल में एक पुल का निर्माण चल रहा है। जिसके टेंडर में चार कंपनियां थी, उसमें दो कंपनियों के साथ चीनी कंपनियां साझेदार थीं। ऐसे में हमने उन्हें साझेदार बदलने को कहा है, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया था। ऐसे में हमने टेंडर रद्द कर दिया। उसके लिए दोबारा आवेदन मांगे गए हैं।
चाइना कि दो कंपनी चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी और शानशी रोड ब्रिज ग्रुप को ये टेंडर दिया गया था। जिसकी मंजूरी पिछले साल केन्द्र सरकार ने दी थी। ऐसे में चीन द्वारा सैनिकों के साथ हिंसात्मक होने पर सरकार ने बॉयकॉट चाइना मुहिम शुरु की थी। अब इस मुहिम के अनुसार सरकार ने टेंडर कैंसील कर दिया है।
बता दें कि पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन में हिंसात्मक झड़प हुई थी। जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। ये झड़प 15 जून को एलएसी पर हुई थी। इसमें बिहार के 5 सपूत शहीद हो गए थे। जबकि हमला बिहार रेजिमेंट पर किया गया था। उसी समय से भारत में चीन के खिलाफ आक्रोश का माहौल है।