नारकीय स्थिति में जीने को विवश हैं प्रखंड और बाजारवासी
जिले सहित विभिन्न प्रखंडों में मुख्यमंत्री नीतीश की सात निश्चय योजना की खुलेआम उड़ रही धज्जियां
कुर्था, (अरवल)। किसी भी समाज और सभ्यता-संस्कृति के निर्माण में उसकी बनावट की संरचना मुख्य रहती है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की बिहारी सभ्यता और संस्कृति नाली से निकलने वाली बजबजाती गंदे पानी और इसके समीप में रहने वालों के लिये परेशानी की विषय बन चुकी है या यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं हो रही कि मुख्यमंत्री नितीश की सात निश्चय योजना की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है।
सड़क के चारों तरफ बह रहे नाले के पानी से लोगों को जीना मुहाल कर दिया
इसके आलोक में मैं आपको बताता चलूं कि अरवल जिले की कुर्था प्रखंड क्षेत्र के मुख्य बाजार इन दिनों पूरी तरह से नरक में तब्दील हो गया है। सड़क के चारों तरफ बह रहे नाले के पानी से लोगों को जीना मुहाल कर दिया। इस कारण लोगों को सड़क पर आवागमन में भी काफी परेशानी हो रही है। बावजूद इस मामले पर अबतक न तो राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट हो सका और न जिले के आला-अधिकारियों को।
बारिश हो या न हो जहां सड़क के चारों ओर पानी ही पानी देखने को मिलती है
जिसकी वजह से लोगों को गंदे नाले के पानी के बीच से गुजर कर बाजार पार करने पर रहे हैं। उक्त सड़क मार्ग से आए दिन दर्जनों जनप्रतिनिधियों से लेकर जिला के आला-अधिकारियों का आवागमन होता है। कुर्था बाजार की हालत इन दिनों देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि बारिश हो या न हो जहां सड़क के चारों ओर पानी ही पानी देखने को मिलती है।
कुर्था बाजार से सड़कों पर विगत कई माह से गंदी नाली का पानी बहता रहता है
इस बाबत कुर्था बाजार निवासी दिलीप कुमार, रवि कुमार, निखिल कुमार, मुकेश कुमार अग्रवाल, पंकज कुमार कुंदन कुमार ईश्वर पासवान, मिठू साव और राजेश कुमार समेत कई लोगों ने संयुक्त रूप से बताया कि कुर्था बाजार से सड़कों पर विगत कई माह से गंदी नाली का पानी बहता रहता है।
ठाकुरवाड़ी वाली गली में वार्ड नंबर 6 स्थिति स्थिति काफी दयनीय है
इतना ही नहीं बीच बाजार में ठाकुरवाड़ी वाली गली में वार्ड नंबर 6 स्थिति स्थिति काफी दयनीय है। अगर बारिश हो जाए तो घुटना भर पानी जमा हो जाती है। इसका मुख्य कारण नाली निकासी नहीं होने की वजह से खतरनाक बीमारियों की होने की संभावना बनी रहती है।
कुर्था बाजार से सड़कों पर विगत कई माह से गंदे नाले का पानी बहता है। जिससे निकलने वाले दुर्गंध से व्यवसायियों को भी जीना मुहाल हो गया है। हालांकि इसे लेकर कई बार विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा धरना- प्रदर्शन और पुतला दहन किया गया लेकिन अब तक मामला सिफर है।