बीते रविवार और सोमवार को 40 हजार से अधिक लोग अन्य राज्यों से बिहार पहुंचे। इन्हें जांच के बाद 350 बसों से उनके गांवों के क्वारंटाइन सेंटर तक पहुंचाया गया। अब इन्हें इन क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। सरकार का यह व्यवस्था तय करेगा कि हम कोरोना से लड़ने में कितने सफल होंगे।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि सोमवार को राज्य की सीमाओं और अन्य जगहों से कुल 13 हजार लोगों को उनके जिला मुख्यालय होते हुए गांव के क्वारंटाइन सेंटर तक पहुंचाया गया। रविवार तक 25 हजार लोगों को पहुंचाया गया था। ये सभी अगले 14 दिन तक गांव के क्वारंटाइन केंद्राें में रहेंगे। संबंधित प्रखंड के बीडीओ, मुखिया, सरपंच और पंच समेत अन्य सरकारी कर्मी इन लोगों की देखरेख करेंगे।
350 बसों से आए लोग
बिहार के परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को कैमूर, गोपालगंज, गया, किशनगंज, पूर्णिया, सीवान और नवादा बॉर्डर पर पहुंचे 13 हजार लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद 350 बसों से इन्हें भागलपुर, गया, सीवान, पटना, जहानाबाद, अरवल, नालंदा, किशनगंज, मोतिहारी, कटिहार, पूर्णिया, खगड़िया सहित अन्य जिलों में भेजा गया है। चेकपोस्टों पर जिला परिवहन पदाधिकारी की तैनाती की गई है। उनकी देखरेख में बसें चलाई जा रही हैं। हर बस को सेनेटाइज करने का निर्देश दिया गया है।
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण का एक और मामला
आपदा राहत केंद्राें में मॉनिटरिंग
संबंधित जिला पदाधिकारी सीमा आपदा राहत केंद्राें में लोगों की स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य जांच की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अबतक 60 से ज्यादा सीमावर्ती आपदा राहत केंद्राें से 40 हजार से ज्यादा प्रवासियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा चुका है। शहरों में चलाए जा रहे 120 आपदा राहत केंद्राें में सोमवार को 7170 लोगों को भोजन कराया गया। 10 मार्च के बाद विदेश और अन्य राज्यों से बिहार लौटे यात्रियों का डाटाबेस तैयार कर उनकी ट्रैकिंग शुरू की गई। आदेश का उल्लंघन करने पर 76 एफआईआर और 1761 वाहनों पर कार्रवाई की गई है।