अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के अभिनेता अनुपम खेर को ‘जोकर’ कहे जाने का करारा जवाब उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके दिया है। दरअसल, अनुपम इन दिनों अमेरिका में अपने शो ‘न्यू एम्सटर्डम’ की शूटिंग कर रहे हैं। अनुपम खेर ने वीडियो साझा करते हुए लिखा कि जनाब नसीरुद्दीन शाह साहब के लिए मेरा प्यार भरा पैगाम। वह मुझसे बड़े हैं, उम्र में भी और तजुर्बे में भी।
मैं हमेशा से उनकी कला की इज्जत करता आया हूं और करता रहूंगा। पर कभी-कभी कुछ बातों का दो टूक जवाब देना बहुत जरूरी होता है। इसलिए ये है उनको मेरा जवाब। फिर वीडियो में अनुपम खेर ने कहा, ‘मैं आपको और आपकी बातों को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लेता हूं। हालांकि मैंने कभी भी आपकी बुराई नहीं की। आपको भला-बुरा नहीं कहा। अब जरूर कहना चाहूंगा कि आपने अपनी पूरी जिंदगी इतनी कामयाबी मिलने के बावजूद कुंठा में गुजारी है।
मैं अच्छी संगत में – अनुपम खेर
अगर आप दिलीप कुमार साहब, अमिताभ बच्चन साहब, राजेश खन्ना साहब, शाहरुख खान, विराट कोहली की आलोचना कर सकते हैं, तो मुझे इस बात का यकीन है कि मैं अच्छी संगत में हूं। इनमें से किसी ने भी आपके बयान को गंभीरता से नहीं लिया। वर्षो से आप जिन पदार्थों का सेवन करते हैं, उनकी वजह से क्या सही है और क्या गलत है आपको इसका अंतर ही पता नहीं लगता है। मेरी बुराई करके अगर आप एक-दो दिन के लिए सुर्खियों में आते हैं तो मैं आपको यह खुशी भेंट करता हूं। भगवान आपको खुश रखें। आपका शुभचिंतक अनुपम।
आप जानते हैं कि मेरे खून में क्या है? मेरे खून में है हिंदुस्तान। इसको समझ जाइए बस। जय हो।
जनाब नसीरुदिन शाह साब के लिए मेरा प्यार भरा पैग़ाम!!! वो मुझसे बड़े है। उम्र में भी और तजुर्बे में भी। मै हमेशा से उनकी कला की इज़्ज़त करता आया हूँ और करता रहूँगा। पर कभी कभी कुछ बातों का दो टूक जवाब देना बहुत ज़रूरी होता। ये है मेरा जवाब। 🙏 pic.twitter.com/M4vb8RjGjj
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 22, 2020
दरअसल, फिल्म इंडस्ट्री में नीतियों और विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ फिल्म जगत के रुख को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि इन नीतियों का विरोध करने वाले लोग कम होते हैं। इस बारे में बोलने वाले लोग ट्विटर पर हैं। मैं ट्विटर पर नहीं हूं। अनुपम खेर ट्विटर पर बहुत मुखर हैं। उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। वह जोकर हैं।
यह नहीं है पहला मौका
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआइआइ) और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के उनके समकालीन लोग उनके साइकोपैथिक (मनोरोगी) स्वभाव से वाकिफ हैं। यह उनके खून में है। वह किसी की मदद नहीं कर सकते हैं। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब नसीरुद्दीन शाह और अनुपम के बीच तकरार हुई है।
इससे पहले मॉब लिंचिंग और अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर पर दिए गए नसीरुद्दीन के बयान पर अनुपम खेर ने कहा था देश में इतनी आजादी है कि सेना को अपशब्द कहे जा सकते हैं, एयर चीफ की बुराई की जा सकती है और सैनिकों पर पथराव किया जा सकता है। आपको इस देश में और कितनी आजादी चाहिए? कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर दोनों के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी।