क्या चुनाव के पहले तार-तार होने लगा महागठबंधन, दोनों तरफ से बयानबाज़ी

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2020 के विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने में अभी विलंब है। इससे पहले ही महागठबंधन के सहयोगी दल आपस में सिर फुटव्वल पर आमदा हो गए हैं। हम प्रमुख जीतन राम मांझी को-ऑर्डिनेशन कमेटी का मसला उठाकर राजद को आइना दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तो राजद भी उन पर पलटवार करने में कोई चूक नहीं कर रहा। मांझी दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस के साथ ही रालोसपा, वीआइपी और वामदल को लेकर वे अलग गठबंधन बनाएंगे। पर रालोसपा, वीआइपी जैसे संगठन उनके फैसले के साथ नहीं। सहयोगी दलों के इस रवैये ने मांझी की नाव एक बार फिर मंझधार में फंसा दी है। मांझी के तेवरों ने महागठबंधन को तार-तार कर दिया है।

तेजस्वी यादव ने क्या कहा?

महागठबंधन में घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को राजद का किया हुआ अहसान याद दिलाया। उन्होंने कहा कि अगर समन्वय समिति नहीं थी तो राजद ने अपने कोटे से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र को विधान परिषद में कैसे भेज दिया और लोकसभा की तीन-तीन सीटें भी कैसे दे दीं। राजद कार्यालय में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करके तेजस्वी ने दावा किया कि हम सब ने मिलकर ही सारे फैसले लिए थे।

रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, हम प्रमुख जीतन राम मांझी और वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी की संयुक्त मीटिंग और मांझी के राजद पर तल्ख हमले के दो दिन बाद तेजस्वी ने मीडिया के सामने अपने अहसानों की सूची गिनाई। हालांकि महागठबंधन में किसी तरह की दरार-तकरार से तेजस्वी ने इन्कार किया और कहा कि सारे घटक दलों के नेता अहम मौकों पर आपस में बात करते हैं। किंतु यह भी जोड़ा कि हम प्रमुख को दूसरी जगह अबतक क्या मिला है और आगे क्या-क्या मिलेगा यह सबको पता है। राजद नेता ने सीट बंटवारे एवं समन्वय समिति के गठन से जुड़े सवालों को टाल दिया और कहा कि अभी कोरोना की वजह से उनके सारे कार्यक्रम 31 मार्च तक स्थगित हैं।

तेजस्वी पर मांझी ने क्या कहा

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनके बेटे को विधान परिषद भेज राजद ने कोई अहसान नहीं किया है। उन्होंने कहा तेजस्वी यादव उनके पुत्र के समान हैं इसलिए उनकी बातों पर वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। साथ ही मांझी ने एक बार फिर राजद को अल्टीमेटम दिया कि 31 मार्च तक को-ऑर्डिनेशन कमेटी नहीं बनी तो वे राजद से अलग वृहद महागठबंधन बनाएंगे।

तेजस्वी की प्रेस कांफ्रेंस के बाद मांझी ने प्रेस से बात की और कहा कि उनकी बातें लालू प्रसाद से होती रही हैं। लालू प्रसाद उनसे रात एक-एक बजे तक बातें किया करते थे। जिसके कई गवाह भी हैं। उन्होंने कभी भी अपने पुत्र को परिषद भेजने के लिए राजद पर दबाव नहीं बनाया। मांझी ने एक बार फिर दोहराया कि 31 मार्च तक राजद कॉर्डिनेशन कमिटी पर अपनी राय स्पष्ट करें नहीं तो वह अपनी राह तय करेंगे। कहा कि वे रालोसपा, वीआइपी, कांग्रेस को साथ लेकर वृहद गठबंधन बनाएंगे। जिसमें मायावती को भी शामिल किया जाएगा। इसमें सीपीआइ और जन अधिकार पार्टी भी रहेंगे। मुख्यमंत्री से मुलाकात पर मांझी ने कहा कि जिस तरह केजरीवाल-अमित शाह और मोदी की मुलाकात हुई उसी तरह राजहित में उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की।

अन्य दलों की क्या है राय

हम प्रमुख जीतन राम मांझी भले ही राजद से अलग दूसरे सहयोगी दलों को लेकर वृहद महागठबंधन बनाने का दावा कर रहे हों, लेकिन कांग्रेस, रालोसपा, वीआइपी मांझी के फैसले के साथ नहीं। इन दलों ने साफ कर दिया है कि महागठबंधन अटूट है। अब इसे कोई छोड़कर जाना चाहता है तो वह स्वतंत्र है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। रालोसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि पार्टी महागठबंधन के साथ है। कौन कहां जा रहा है इससे उसका कोई मतलब नहीं। वहीं विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा है और रहेगी। सहनी ने कहा कि राजद महागठबंधन का सबसे बड़ा दल है और वे उसी के साथ हैं।

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