यह सनसनी सच्ची घटना महाराष्ट्र के नासिक एवं पुणे की रहने वाली माँ और उसकी दो बेटियों से सम्बंधित है। इन तीनो ने मिलकर एक-एक कर कुल 42 बच्चो की निर्मम हत्या कर दी थी। माँ का नाम अंजना गावित एवं इसकी दोनों बेटियों का नाम रेणुका (बड़ी बहन) और सीमा(छोटी बहन) है। रोंगटे खड़े कर देने वाली यह लोमहर्षक घटना हाल ही में जी 5 पर रिलीज़ सवा घंटे की सिनेमा “पोषम पा” की वजह से पुनः चर्चा में है। दरअसल यह सिनेमा इसी सीरियल किलिंग की घटना पर आधारित है।
मूलतः नासिक की अंजना गावित एक ट्रक ड्राइवर से प्यार कर बैठी। बाद में, दोनों ने भागकर शादी कर ली एवं पुणे में आ बसी। बड़ी बेटी रेणुका के जन्म के बाद ये दोनों अलग हो गए। कुछ दिनों बाद अंजना गावित ने एक रिटायर्ड सैनिक मोहित गावित से विवाह कर ली। कुछ समय बाद अंजना ने एक छोटी बेटी सीमा को जन्म दिया। लेकिन, ये विवाह भी ज्यादा दिनों तक नहीं चली। दोनों में सम्बन्ध विच्छेद हो गया एवं अंजना के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया।
अपराध की ओर यूँ बढ़ता गया कदम
रोजी-रोटी के लिए कोई उपाय न सूझने पर अंजना ने भीख मांगने के काम की शुरुआत कर दी। साथ ही उसने अपने दोनों बच्चियों को भी इसी काम में लगा दिया। साथ ही ये लोग चोरी-चकारी, जेबकतरान जैसे छोटे-मोटे अपराध भी करने लगे। एक दिन अंजना को भीख मांगने वाली औरत संतोष का 18 महीने का बच्चा दिखा, उसे ये ख्याल आया की यदि वो बच्चे छीनकर को बेच दे तो उसकी अच्छी कमाई होगी। यही विचार लेकर वो बच्चे को ले भागी।
इसी दौरान उसके मन में जेब कतरने का ख्याल आया, लेकिन वो पकड़ी गई। कुछ लोगों ने पुलिस बुलाने की बात कही तो डरकर अंजना ने बच्चे को पटक डाला। अब लोगो का ध्यान अपराध से इतर इस नन्हे मासूम पर था। लोगो ने सोचा वो बच्चे को खिलाने के लिए ही चोरी कर रही होगी। इसलिए उसे छोड़ दिया गया। अब उसके पास अपराध से बचने की नई तरकीब थी। उसने अपने दोनों बेटियों को भी यही तरकीब सीखा दी। बाद में उस बच्चे की मौत उचित इलाज़ न मिलने से हो गई।
अब, अंजना और उसकी बेटी इसी तरह बच्चो की किडनेपिंग कर भीख मांगने लगी थी। इस लाचार और आपराधिक परिवार को छोटे बच्चों की वजह से अच्छी भीख मिल रही थी। चोरी-चकारी करते समय पकडे जाने पर ये बच्चो को पटक देते थे, जिससे लोगो का ध्यान इनके अपराध से भटक जाता था और दोनों बच निकलते थे। इसी तरह एक एक कर इन लोगों ने 42 बच्चो को मौत के घाट उतार दी।
एक छोटी सी भूल और पकड़ में आई सनसनी अपराध
अंजना के पति मोहित गावित ने दूसरी विवाह कर ली थी। एक दिन अंजना अपने दोनों बेटियों को लेकर अपने पति मोहित गावित के पास रहने चली गई। मोहित गावित की एक नौ साल की छोटी बेटी भी थी। अंजना के मन में इस नौ साल की बच्ची को मौत के घात उतरने का ख़याल आया और उसने अपने दोनों बेटियों के साथ मिलकर इस हत्या की घटना को अंजाम दे डाली। उन्होंने बच्ची को निकट के ही एक खेत में गाड़ दिया।
मोहित गावित की पत्नी बच्ची की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई। 19 नवंबर, 1996 को अपराध में संग्लग्न तीनो आरोपी पुलिस के पकड़ में थे। साथ ही पुलिस ने रेणुका के पति किरण शिंदे की भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस की पूछताछ में एक-एक कर अपराध की परतें बाहर आने लगी थी। किरण शिंदे ने ये काबुल किया कि उसकी पत्नी ने 42 बच्चो की हत्या की बात बताई थी।
सनसनी अपराध की सुनवाई और सजा
पुलिस ने सनसनी के मामले की अनुसन्धान आरम्भ की। दरअसल ये हत्याकांड 1990 से 1996 के दौरान हुए थे। काफी समय बीत जाने के कारण पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुँच पाई। फिर भी पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद 5 हत्याओं का आरोप इनपर साबित हो पाया। सुनवाई के दौरान ही सन 1997 में अंजना गावित की मौत हो गई। सरकारी गवाह बनने पर, पुलिस ने किरण शिंदे को भी अपराध से बड़ी कर दिया। जांच में भी यही बात सामने आई थी कि किरण शिंदे इस घिनौनी हत्याकांड में शामिल नहीं थे।
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इस मामले में 3 साल की सुनवाई के बाद 29 जून, 2001 को निचली अदालत ने दोनों बहनो को फांसी की सजा सुनाई। 9 सितम्बर, 2004 को बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर पीठ ने निचली अदालत के फैसले को बरक़रार रखा। ३१ अगस्त 2006 को माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने भी फांसी की सजा को बरक़रार राखी। इसके पश्चात् दोनों बहनो ने राष्ट्रपति के सामने अपनी दया याचिका प्रस्तुर की। राष्रपति प्रणव मुखर्जी ने 31 जुलाई 2014 को दोनों बहनो की दया याचिका ख़ारिज कर दी।
फ़िलहाल फांसी की तारीख तय न होने की वजह से, दोनों बहने पुणे की यरवदा जेल में कैद है।
Source: http://unknownmisandry.blogspot.com/2013/07/anjanabai-family-of-ogresses-india-1996.html