नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, NCRB द्वारा देश के राज्यों और यूनियन टेर्रोटेरी के लिए वर्ष 2017 में हुए अपराध के डाटा जारी किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2017 में बिहार का पडोसी राज्य उत्तरप्रदेश अपराध जगत में लगातार तीसरी बार टॉप किया है। शादी के लिए लड़की का अपहरण, यानि हनीमून किडनैपिंग में भी उत्तरप्रदेश टॉप पर काबिज़ है।
NCRB डाटा के मुताबिक बिहार की बात करें तो पता लगता है की सर्वाधिक दंगे बिहार में हुए। दंगे के मामले में बिहार अपने पड़ोसी राज्य को पीछे छोड़ते हुए टॉप पर है तो वहीं हनीमून किडनैपिंग के मामले में यह एक स्थान पीछे यानी दूसरे स्थान पर काबिज़ हुआ है। 2017 में यूपी में हनीमून किडनैपिंग के 12382, जबकि बिहार में 4777 मामले दर्ज किए गए हैं।
बिहार में दंगों के कुल 11,698 मामले
बिहार में वर्ष 2017 में दंगों के कुल 11,698 मामले दर्ज किए गए, वहीं उत्तरप्रदेश में यह आंकड़ा 8,990 पर सीमित रहा। इसके बाद तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र काबिज़ रहा। बताते चले की साल 2017 ही नहीं, इससे पहले 2016 में भी अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में सबसे ज्यादा दंगे के मामले रिकॉर्ड किेए गए थे।
देश में हुए कुल अपराध की 10.1 प्रतिशत वारदातें यूपी में दर्ज की गयी है। आईपीसी की धाराओं के तहत यहां 3 लाख 10 हजार 84 मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। अपराध के मामले में वर्ष 2015 और 2016 में भी यूपी टॉप पर था। 2015 से 2017 के बीच यूपी में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। वहीं महाराष्ट्र क्राइम के मामले में दूसरे नंबर पर है, जबकि मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर।
साक्षर राज्य केरल भी अपराध में चौथे पायदान पर
देश में सबसे साक्षर राज्य केरल भी अपराध में चौथे पायदान पर है। वहीं बिहार का स्थान छठा रहा। राज्य में 2017 में 180573 केस दर्ज किए गए। यानी देश का 5.9 फीसदी। ज्ञात हो की 2015 में बिहार 9 वें और 2016 में आठवें स्थान पर था।
NCRB डाटा के मुताबिक वर्ष 2017 में बिहार में दुष्कर्म के 605 केस दर्ज किए गए और यह देश में 13 वें नंबर पर रहा। दुष्कर्म के मामले में भी यूपी टॉप पर काबिज़ है। दुष्कर्म के प्रयास में बिहार छठे स्थान पर, जबकि पश्चिमी बंगाल टॉप पर रहा।
हत्या की बात करें तो 2017 में यूपी टॉप पर रहा। यूपी में हत्या के 4324 केस दर्ज किए गए। बिहार हत्या में देश में दूसरे स्थान पर रहा। यहां 2803 केस दर्ज किए गए। महिलाओं के साथ छेड़खानी में बिहार 25 वें स्थान पर रहा। 2017 में यहां केवल 42 केस दर्ज किए गए। वहीं यौन उत्पीड़न में बिहार 18 वें स्थान पर रहा। इन दोनों तरह के अपराध में भी यूपी टॉप पर रहा।