बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही गरमाहट बढ़ गई है। जहां पक्ष विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर आरंभ हो गया है। वहीं चुनावी सरगर्मी तेज होते जा रही हैं। इसको देखते हुए सीट शेयर का मुद्दा भी खास होते जा रहा है। ऐसे में सीट शेयरीं का मुद्दा हर पार्टी उठा रही है। सबसे पहले आवाज महागठबंधन से उठी है। कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने बयान से मुद्दे ने तुल पकड़ी है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बिहार विधानसभा में चुनाव कांग्रेस में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2015 में विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में हम आरजेडी और जेडीयू साथ थे। तब जेडीयू को 102 सीटें मिली थी। लेकिन इस बार जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा नहीं है। उन 102 सीटों का बटवारा सभी के बीच होना चाहिए। इसमें कांग्रेस को हिस्सा मिलना चाहिए।
अखिलेश सिंह के कारण महागठबंधन में सीटों को लेकर उठी आवाज
पिछली बार बिहार चुनाव में कांग्रेस 40 सीटों पर लड़ी थी। ऐसे में कांग्रेस ने अधिक सीटों के लिए अपनी मांग रख दी है। इससे महागठबंधन की अन्य पार्टियां भी अपनी दावेदारी पेश करेंगी। इससे सीटों को लेकर घमासान होने की संभावना बन गई है। इस बार नीतीश कुमार के एनडीए के साथ हैं। जिससे जेडीयू के सीटों पर घमासान संभव है।
इसके अलावा एनडीए में भी सीटों को लेकर खलबली मच सकती है। पिछले बार एनडीए से बाहर रही जेडीयू एनडीए का हिस्सा है। जेडीयू और बीजेपी दोनों अपने को बड़ी पार्टी साबित करने की कोशिश करेगी। जहां नीतीश कुमार अधिक सीटों पर जीत कर, सबसे बड़े नेता का दावा अपना मजबूत करना चाहेंगे। वहीं बीजेपी अधिक सीटें जीत कर बड़ी पार्टी के रूप में दिखाना चाहेगी।
ऐसे में चुनाव के नजदीक आते-आते गरमाहट बढ़ने की उम्मीद है। हर पार्टी अपने को बड़ा दिखाने के लिए ऐसा कर सकती हैं। जिससे कि अपने को मजबूत साबित किया जा सके।