राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ के इस मौके पर राष्ट्रपति भवन में 78 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की। इस अवसर पर बिहार के 6 स्वतंत्रता सेनानी सम्मानित किये गए।
बिहार के 6 स्वतंत्रता सेनानी
शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में ‘एट होम’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां बिहार के 6 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया गया है। सम्मानित किए जाने वाले सेनानियों में राम एकबाल शर्मा, तारणी प्रसाद साह, गया प्रसाद सिंह, जानकी मंडल उर्फ परमानंद मंडल, विष्णु नारायण और मुंशी सिंह शामिल हैं।
इस दौरान एक बार फिर राष्ट्रपति से अपनत्व का अहसास कराने वाली तस्वीर देखने को मिली। एक वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी ने राष्ट्रपति कोविंद को अशीर्वाद देते हुए उनके सिर पर हाथ रख दिया। उल्लेखनीय है कि ऐसा ही नजारा पहली बार इस वर्ष मार्च में पद्म पुरस्कारों के दौरान भी देखने को मिला था। उस समय कर्नाटक की पर्यावरणविद और वृक्ष अम्मा के नाम से प्रसिद्ध सालुमरदा तिम्मक्का को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति कोविंद से ऐसे अपनत्व का अहसास हुआ तो वह स्वयं को राष्ट्रपति को आशीर्वाद देने से रोक नहीं सकी थीं।
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आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ
भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ के इस मौके पर कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य गणमान्य मौजूद थे।
9 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन या भारत छोडो आंदोलन शुरू किया गया था। यह आंदोलन भारत के इतिहास में एक विशेष प्रासंगिकता रखता है क्योंकि इसे एक महत्वपूर्ण विकास माना जाता है जिसने भारत को ब्रिटिश राज से आजादी हासिल करने में मदद की। इस दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में जाना जाता है।
इस वर्ष आंदोलन की 77 वीं वर्षगांठ है, जिसने भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने का आह्वान किया। “मैं आपको खुशी, अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करता हूं,” प्रत्येक उपहार पर राष्ट्रपति का संदेश था।