बिहार सड़क परिवहन विभाग ने सभी पेट्रोल स्टेशनों और ऑटोमोबाइल कंपनियों के सेवा केंद्रों को पीयूसी प्रमाण पत्र केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने 8 सितंबर को बताया कि इससे वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और वाहन मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र आसानी से मिल सकेगा। विभाग ने सभी पेट्रोल पंपों और ऑटोमोबाइल कंपनियों के सर्विस सेंटरों को इसका अनुपालन करने का निर्देश जारी किया है।
मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 को संसद में 31 जुलाई को, उल्लंघन के लिए भारी दंड के प्रावधानों के साथ पारित किया गया था। बिल को 9 अगस्त को राष्ट्रपति की सहमति मिली और यह 1 सितंबर से लागू किया गया है। अधिनियम के अनुसार, ध्वनि और वायु प्रदूषण पैदा करने वाले व्यक्तियों को तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अयोग्य घोषित करने के अलावा 10,000 रुपये का जुर्माना देने का प्रावधान है।
आप भी कर सकते हैं पीयूसी केंद्र स्थापित
अग्रवाल ने यह उल्लेख करते हुए कि राज्य में अगले छह महीनों में 150 से अधिक प्रदूषण परीक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक परीक्षण केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह के केंद्र स्थापित करने के कदम से कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। आम आदमी भी एक पीयूसी केंद्र स्थापित कर सकता है, जिसके लिए वह विभाग की वेबसाइट “transport.bih.nic.in” पर लॉग इन कर ऑनलाइन पीयूसी सेंटर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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परिवहन सचिव ने बताया कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के सेवा केंद्रों में पीयूसी प्रमाण पत्र केंद्र स्थापित करने से वाहन मालिकों को एक छत के नीचे दोनों सुविधाएं मिलेंगी। वर्तमान में, पटना जिले में 98 सहित लगभग 500 प्रदूषण परीक्षण केंद्र हैं। लगभग 111 परीक्षण केंद्र कई कारणों से बंद कर दिए गए थे। राजधानी पटना में 55 सहित राज्य भर में 269 ऐसे केंद्र ऑनलाइन स्थापित किए गए थे। हालांकि इन केंद्रों पर ऑनलाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र अभी जारी नहीं किए जा रहे हैं।
ज्ञात हो की इससे पहले जनवरी 2018 में, विभाग ने पेट्रोल स्टेशनों को प्रदूषण परीक्षण केंद्र शुरू करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अभी तक केवल 70 स्टेशनों में यह सुविधा है। हालांकि, राज्य में तीन तेल कंपनियों से संबंधित 2,550 पेट्रोल स्टेशन हैं।