नगर विकास एवं आवास विभाग ने पेयजल उपयोग शुल्क (वाटर यूजर चार्ज) नीति-2019 की योजना पर क्रियान्वन कर रही है। विभाग के कैबिनेट की मुहर लगने के साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं से हर माह 30 से लेकर 125 रुपये तक वसूल किए जाएंगे। पानी आप कितना खर्च करते हैं इसके लिए कोई मीटर नहीं लगेगा।
बिहार राज्य के सभी शहरी लोगों को अब पानी के लिए मासिक भुगतान करना होगा। कितना रकम देना है यह उनके घर के क्षेत्रफल के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। यह व्यवस्था राज्य के शहरों में रहने वाले 19 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं के साथ ही सभी व्यावसायिक व औद्योगिक क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए की जा रही है।
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योजना के इस मसौदे को घर के क्षेत्रफल के आधार पर तीन वर्गों में बांटा गया है। इस वर्गीकरण के आधार पर एक से लेकर करीब चार रुपये प्रतिदिन तक पानी के लिए चुकाना होगा। इसे दूसरे शब्दों में कहें तो पानी के लिए अब सालाना 360 से लेकर 1500 रुपये तक देना होगा। धनराशि फिक्स होगी और कोई मीटर नहीं लगाया जाएगा।
होल्डिंग टैक्स संग होगी वाटर सरचार्ज की वसूली
विभाग के द्वारा शहरी क्षेत्रों के हर घर में पानी का नल पहुंचाया जाना तय किया गया है। जिन घरों में पहले से पानी का कनेक्शन है, उन्हें अच्छी तरह से दुरुस्त किया जाना तय किया गया है, ताकि उन्हें साफ पानी सही तरीके से मिल सके। जिन गली मुहल्लों में पानी का पाइप नहीं अब तक नहीं पंहुचा है, वहां हर घर नल अन्य योजनाओं के तहत पाइप बिछाकर घरों में नल की टोंटी लगाई जाएगी। पाइप बिछाने से लेकर टोंटी लगाने तक का काम बिहार राज्य जल पर्षद करेगा।
राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं से पेयजल उपयोग शुल्क (वाटर यूजर चार्ज) प्रॉपर्टी टैक्स के साथ ही वसूला जाएगा। उपभोक्ता के भवन के क्षेत्रफल के आधार पर तय स्लैब के हिसाब से पानी का पैसा उनके प्रॉपर्टी टैक्स के बिल में जोड़कर भेजा जायेगा।
स्रोत्र- हिन्दुस्तान