नितीश कुमार ने शनिवार को राज्य सरकार के ‘जल जीवन हरियाली अभियान’ के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए आठ प्रचार रथों को हरी झंडी दिखाई। MWRD (Minor Water Resource Department) की विभिन्न योजनाओं को दर्शाता ऑडियो-विजुअल गैजेट्स और प्रचार सामग्री से लैस रथ, लोगों को वर्षा जल संचयन के विभिन्न तरीकों और उनके क्षेत्रों में भूजल की तालिका बनाए रखने के बारे में भी जागरूक करेगा।
मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी इलेक्ट्रिक कार से पहुंचे थे। इस अभियान का आयोजन लघु जल संसाधन विकास के अंतर्गत बिहार भू-जल विकास मिशन ने किया है।
भू-जल ही एकमात्र सहारा
इस जल-जीवन-हरियाली अभियान के सहयोग से जल संचयन के तरीकों और बचाव के संबंध में लोगों को जागरूक किया जायेगा। जन चेतना के माध्यम से लोगों को यह भी बताया जायेगा कि कम वर्षा होने पर भू-जल ही एकमात्र सहारा है और उन्हें वर्षा जल इकट्ठा करना होगा।
सोख्तों का निर्माण और रखरखाव, उत्तम बीज, जैविक खाद का प्रयोग, सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग, तालाब जल संरक्षण व सफाई, खेतों की मेड़बंदी आदि जानकारियों से लोगों को जागरूक किया जायेगा।
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मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद के सामने आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त सुभाष शर्मा, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय चंद्रशेखर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में घूमेगा यह रथ
राज्य के विभिन्न हिस्सों में घूमने वाला यह रथ, लोगों को हैंड-पंप, कुओं और नलकूपों के आसपास सोख-गड्ढों के निर्माण और रखरखाव के तरीकों, तालाबों में वर्षा जल के संरक्षण और शुद्धिकरण के तरीकों के बारे में भी जानकारी देगी। MWRD के एक अधिकारी ने कहा कि जैविक खेती के लाभों के साथ-साथ जल निकायों के बारे में बीच लोगो को जागरूक किया जायेगा।
अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर से
राज्य में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर से होने जा रहा है। इसके पहले सभी जिलों में जारूकता अभियान के तहत गांव से लेकर जिलों तक संगोष्ठी, कार्यशाला, रैली से लेकर हस्ताक्षर अभियान आदि चलाया जा रहा है।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी के मुताबिक इस अभियान के तहत दीवार लेखन, होर्डिंग्स, जागरूकता रथ, नुक्कड़ नाटक, साइकिल रैली, सफाई अभियान भी चलाया जाएगा। जल जीवन हरियाली अभियान के तहत 11 सूत्री कार्यक्रम पर अमल किया जाना है। इसमें तालाब-पोखर, आहर-पइन, कुंओं का जीर्णोद्धारव उनको अतिक्रमण से मुक्त भी करना है। कहा कि नए जल स्रोतों का सृजन कर सरप्लस पानी को सूखे क्षेत्र में ले जाना है।
भूगर्भ जल को गिरने से रोकने के लिए पौधशाला का सृजन, सघन पौधरोपण और वैकल्पिक फसलों का उपयोग करना है। जागरूकता अभियान के लिए सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है। अभियान की सफलता के लिए स्कूल कालेजों में निबंध लेखन, पेंटिंग प्रतियोगिता, सोख्ता निर्माण व प्लास्टिक कचरा सफाई अभियान भी चलाया जाएगा।