विश्व शौचालय दिवस के मौके पर ग्रामीण विकास विभाग की ओर से अधिवेशन भवन में आयोजित ‘बिहार स्वच्छता संकल्प 2019’ समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े अभियान के तहत 60 महीने में 60 करोड़ आबादी के लिए 11 करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण कर पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त किया गया है। स्वप्रेरणा से 1.13 करोड़ शौचालय का निर्माण कर बिहार ने भी इस अभियान को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाया है।
गांधी की 150 वीं जयंती पर उनके सपनों को साकार किया गया
श्री मोदी ने ‘बिहार स्वच्छता संकल्प 2019’ समारोह में कहा कि बिहार में 70 हजार से ज्यादा राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया व 52 हजार से ज्यादा स्वच्छताग्रहियों ने व्यवहार परिवर्तन के लिए मुहिम चलाया। 5 साल में असंभव प्रतीत होने वाला लक्ष्य हासिल कर गांधी की 150 वीं जयंती पर उनके सपनों को साकार किया गया है। डब्ल्यूएचओ की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार हर घर शौचालय के निर्माण से देश में 3 लाख लोगों को डायरिया से होने वाली मौत व प्रत्येक परिवार की चिकित्सा पर होने वाले औसत 50 हजार रुपये का खर्च बचा है।
सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित
02 अक्तूबर, 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘हर घर शौचालय’ अभियान शुरू किया तो बिहार के मात्र 25.9 प्रतिशत ग्रामीण घरों में शौचालय थे। आज लगभग शत-प्रतिशत घरों में शौचालय का निर्माण कर सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। शौचालय निर्माण एक सतत प्रक्रिया है, जो इक्के-दुक्के छूट गये होंगे, बाढ़ या अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हो गए होंगे ‘कोई पीछे न छूट जाय’ अभियान के तहत सरकार उनका दुबारा निर्माण करायेगी। लगातार प्रयास करना होगा कि जिनके घरों में शौचालय बन गया है वे फिर से खुले में शौच के लिए बाहर न जाने लगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का एक चरण पूरा हुआ है, दूसरा चरण ठोस व तरल अपशिष्ठ प्रबंधन का है। 2020 में प्रदेश के 165 ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन का अभियान प्रारंभ किया जायेगा।