एक समय था जब बिहार में अपराध को देखते हुए सरकार को जंगलराज की उपाधि मिली हुई थी। सन 1995-2000 तक बिहार में बहुत से अपराधिक घटनाएं हुए, जिसको पुरे देश ने आड़े हाथों लिया था और लालू प्रसाद की सरकार जंगलराज घोषित हो गयी थी। आज के परिपेक्ष्य में देखे तो उस टाइम टेक्नोलॉजी इतनी विकसित नही थी और ना ही पत्रकारिता।
पुलिस और प्रशासन के पास भी आदेश और सन्देश के लिए जरुरी उपकरण नही थे। तब सरकार से तुरंत संपर्क करना भी बहुत मुस्किल काम था। आला अधिकारियों से संपर्क कर त्वरित कारवाई करना भी संभव नही हो पाता था। हालांकि अपराधिक घटनाएं होती थी। अपराधियों को नेताओं का संरक्षण भी प्राप्त था। तब जंगलराज कहना सही भी था।
सरकार के दबाव में मीडिया
उस टाइम में लोग भी इतने जागरूक नही हुआ करते थे और ना ही हर हाथ में मोबाइल फ़ोन का चलन था लेकिन पुरे बिहार की खबर बिहार के सामाचार पत्रों में प्रमुखता से छपती थी। लेकिन आज यह सब होते हुए भी अपराधिक घटनाएं अपने चरम पर है। शायद पुलिस प्रशासन आज इतनी सारी सुविधायें होते हुए भी लाचार हो। शायद आज मीडिया चैनल्स और समाचार पत्र भी लाचार हो, या यूँ कहे की दिखाना नही चाह रही हो। यह संभव है, इतने सारे घटनाएँ होते हुए भी सरकार के दबाव के कारण मीडिया वाले इसे जंगलराज पार्ट 2 कहने में सकुचा रहे हों।
बिहार में अपराध के बढ़ती घटनाएं
बिहार में हाल के वर्षों में अपराधिक घटनाएँ बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। हत्या, लूटपाट, पुलिस पर हमला, AK47 और ना जाने क्या क्या। बिहार में अपराधियों का तांडव इस प्रकार है की इन्हे खुद वीडियो बनाकर रिलीज़ करने में भी डर नहीं लग रहा। खुलेआम सुशासन की पोल खोल रहे है ये अपराधी। दोनों हाथ में लहराते राइफल नितीश कुमार इस सुशासन की सच्चाई बयां कर रही है। अब सुशासन कहने में मुझे तो शर्म सी आ रही है। इसलिए हम इसे जंगलराज पार्ट 2 कह ही देते हैं। न्याय के साथ विकास की बड़ी बड़ी बातें और नतीजा वही ढाक के तीन पात।
विकास की बात करने वाली सरकार अपनी विफलताओं का भी जिक्र करना चाहिए। जब मीडिया चैनलों में उनके ऊपर अच्छी खबरें दिखाई जाती है तब सामने आकर प्रेस कांफ्रेंस करते है लेकिन विफलताओं के ऊपर क्यों नहीं। नेताओं की पहुंच की वजह से उनपर चल रहे आपराधिक मामले खुलेआम सड़कों पर अठखेलियां कर रही हैं और न्याय न जाने किस कोने में बैठ कर सिसकियाँ भर रही है। पिछले कुछ वर्षो से धीरे धीरे सामने आने वाले कई एक मुद्दों को किसी ऑफिस की फाइल की तरह किसी टेबल पर दबा कर रख दिया गया। सुनवाई के नाम पर बस खानापूर्ति होती रहती है।
AK47 बढ़ा रहे है लोगों के घर की शोभा
सुशासन का राग अलापने वाले वर्तमान राज्य सरकार के अवधि में सृजन घोटाला, बालिका गृह हत्याकांड, सैकड़ो बच्चो की मौत और बाढ़ की विभीषिका से लोग त्राहिमाम कर रहे थे की अब एक नया बिहार सबके सामने आ रहा है। पिछले दिनों बिहार हमने AK47 के नदी नालों के किस्से सुने थे अब वही AK47 लोगों के घर की शोभा बढ़ा रहे है। ये भरसक नेताओं के संरक्षण के कारण मुमकिन हो पा रहा है।
क्रमशः
हमारी टीम आने वाले दिनों में इस जंगलराज पार्ट 2 में हुए कुछ घटनाओं का जिक्र करेगी। हमारी कोशिश रहेगी की समाज की इस घिनौनी या कहे की ओछी राजनीती करने वाले नेताओ की कुछ अनकही सच्चाई आपतक अवश्य पहुंचाए। अगर आपके पास भी बताने के लिए कुछ है तो हमसे शेयर कर सकते हैं। आप अपने विचार व्यक्त करने के लिए हमारे पोर्टल पर गेस्ट ब्लॉग्गिंग भी कर सकते है। गेस्ट ऑथर के रूप में रजिस्टर करने के लिए आज ही अप्लाई करें और खुल कर लिखे अपने दिल की बातें।